मेरठ। बासमती धान के बीज की धूम यूपी ही नहीं, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और जम्मू तक मची है। गुणवत्ता युक्त बीज लेने के लिए किसानों ने मोदीपुरम स्थित भारतीय बासमती विकास निर्यात प्रतिष्ठान के दफ्तर पर डेरा डाला है।
कई राज्यों के किसानों को बीज लेने के लिए तीन-तीन दिन तक का समय भी लग रहा है। दरअसल प्रतिष्ठान ने इस बार बासमती की नई वेरायटी का बीज तैयार किया था। जिसका प्ररिणाम सफल रहा। पिछली बार बासमती के दाम अच्छा होने से इस बार भी इसकी रिकार्ड बोआई किसान करने का मूड बना चुके हैं।
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बासमती विकास निर्यात प्रतिष्ठान के प्रधान वैज्ञानिक डा. रितेश शर्मा बताते हैं, गत वर्ष बासमती के दामों ने आसमान छुआ था। दुनिया के करीब 32 देशों में यूपी से बासमती निर्यात किया गया था, जिसका रिजल्ट भी बहुत अच्छा आया। बासमती का निर्यात ज्यादा होने से किसानों का भरोसा बासमती के प्रति बढा है। इसी का ये नतीजा है कि पहले ही दिन 32 लाख रूपए के बीज की बिक्री हो गई। बासमती की मांग देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बढी है। वो आगे बताते हैं कि पश्चिमी यूपी में बासमती की खेती साल दर साल बढ़ती ही जा रही है।
इस समय बासमती की पांच प्रजातियों का बीज विभिन्न राज्यों के किसानों केा दिया जा रहा है। पंजाब से आए किसार हरजीत सिंह बताते हैं,“ बासमती का बीज गुणवत्तायुक्त मिलता है। बासमती की मांग और हमारे राज्य में खपत हर साल बढती जा रही है।”
हरियाणा से आए किसान रूप चैधरी बताते हैं,“ पूरे देश में यह अकेला संस्थान है, जहां बासमती पर काम किया जाता है। यहां पर जांचा और परखा बीज मिलता है, इसलिए 600 किमी दूर तक के किसान तीन-तीन दिन ठहरकर भी यहां से बीज लेकर जा रहे हैं।”
इस बार इतनी डिमांड होने का सीधा से कारण है कि पिछली बार बासमती का रेट अच्छा था, साथ ही विदेशों में भारतीय बासमती को पसंद किया गया था। इस बार पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में अच्छी मात्रा में बीज दिया गया है।
डा. रितेश शर्मा, प्रभारी वैज्ञानिक बासमती विकास निर्यात प्रतिष्ठान मोदीपुरम मेरठ।
इन प्रजातियों का मिल रहा बीज
बासमती विकास निर्यात प्रतिष्ठान पर बासमती 370, बासमती पीवी 1401, पीवी 1121, पीवी 1509, आदि प्रजातियों की मांग हर साल बढती है।