नयी दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) से और ज्यादा किसानों को जोड़ने के लिए सरकार ने इस पर भीम ऐप से मोबाइल भुगतान सेवा की शुरुआत की। साथ ही अन्य कई फीचरों को क्षेत्रीय भाषाओं में पेश किया।
ई-नाम वेबसाइट अब हिंदी और अंग्रेजी के अलावा गुजराती, मराठी, तमिल, तेलगु, बंगाली और उड़िया भाषा में भी उपलब्ध है जबकि ई-नाम पर व्यापार करने की सुविधा भी छह भाषाओं में उपलब्ध है।
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ई-नाम पोर्टल पर कई नए फीचर जोड़े गए हैं। इसमें एमआईएस डेशबोर्ड का फीचर प्रमुख है जो बेहतर आकलन प्रदान करेगा। भीम एवं अन्य मोबाइल वालेट और डिजिटल भुगतान के विकल्प भी जोड़े गए हैं। साथ ही किसानों का आंकड़ा और ई-लर्निंग मॉड्यूल भी जोड़े गए हैं।
इन नए फीचरों की शुरुआत करते हुए कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा, हम ई-नाम पर धीरे-धीरे और फीचर जोड़ रहे हैं ताकि किसानों को ऑनलाइन कारोबार करने में और सुविधा हो सके। ई-नाम एक नई पहल है, इसलिए इसके व्यवधान रहित सहज परिचालन में थोड़ा समय लगेगा।
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अप्रैल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर की मंडियों में ई-नाम सुविधा की शुरुआत की, जिसके बाद देशभर के राज्यों में स्थापित बड़ी मंडियों में ई-नाम लैब बनवाने का फैसला किया गया। अभी 14 राज्य एवं एक केंद्रशासित प्रदेश की 479 पंजीकृत थोक मंडियों को ई-नाम से जोड़ा गया है। अगले माह तक यह लक्ष्य 585 मंडियों को जोड़ने का है।
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इनपुट भाषा
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