स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की मंडियों में शुरू हुई ई-नाम सुविधा को सराहा है। कृषि मंत्री ने दोनो राज्यों में ई-नाम के सफल संचालन को मंडियों के लिए अहम बताया है।
अप्रैल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर की मंडियों में ई-नाम सुविधा की शुरुआत की, जिसके बाद देशभर के राज्यों में स्थापित बड़ी मंडियों में ई-नाम लैब बनवाने का फैसला किया गया।यह सुविधा आठ राज्यों में लागू हो चुकी है, सरकार ने मार्च 2018 तक इस सुविधा को देश की 585 मंडियों तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है।मौजूदा समय में यह सुविधा देशभर की 455 मंडियों में उप्लब्ध है। मंडियों में ई-नाम सुविधा का सबसे अच्छा संचालन उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों में हुआ है। उत्तर प्रदेश में 100 ई-नाम मंडियां हैं, वहीं मध्य प्रदेश में 57 ई-नाम मंडियां बनाई जा चुकी हैं।
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” ई-नाम सुविधा में मंडी परिषद ने अभी तक प्रदेश की 100 मंडियों में आने वाले कृषि उत्पादों की ग्रेडिंग कर किसानों को उनकी फसल का तुरंत लाभ दिलवाया है। आने वाले समय में हम अधिक से अधिक कृषि उत्पादों को इस सुविधा के अंतर्गत लाने की कोशिश करेंगे।” यह बताया मंडी परिषद, उत्तर प्रदेश के उपनिदेशक जितेंद्र प्रताप सिंह ने। उन्होंने आगे बताया कि कृषि मंत्री ने हमारी सराहना की है, यह हमारे लिए गर्व की बात है।
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क्या है ई-नाम सुविधा
ई-नाम सुविधा में किसानों की आवक को जांच कर उसका लॉट नंबर जारी कर दिया जाता है।यह लॉट नंबर मंडी में लगी डिजीटल स्क्रीन पर डिस्पले किया जाता है।इससे मंडी में मौजूद व्यापारी और खरीददार किसानों का माल खरीदते हैं।किसानों की आवक का मूल्य उसके ग्रेड ( ए,बी या सी ग्रेडिंग) के आधार पर तय होता है, यानी की जितना अच्छा ग्रेट उतनी अच्छी बोली।