अब किसी को मत बोलिएगा 420, बदल गया देश में आज से क़ानून

देश भर में अब तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। 51 साल पुराने सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) लेगी। भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय अधिनियम (BNS) लेगा और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) के प्रावधान लागू होंगे।

Update: 2024-07-01 07:19 GMT

आज से देश में अंग्रेजों का बनाया क़ानून खत्म हो गया है।

जी हाँ, पहली जुलाई 2024 से नया क़ानून लागू हो गया है। अभी तक अगर आप भी ठगी के मामले में किसी को 420 बोल देते थे तो अब 318 बोलिएगा। धाराएं बदल गई हैं।

धोखाधड़ी या ठगी में अब 420 नहीं 318 की धारा लगेगी। ऐसे ही हत्या में IPC की 302 की धारा की जगह अब BNS की धारा 103 लागू होगी।

नये क़ानून के मुताबिक अब कोई भी व्यक्ति पुलिस थाना गये बिना इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम यानी फोन या ई मेल से भी रिपोर्ट दर्ज करा सकता है। इससे न सिर्फ शिकायत जल्द दर्ज हो सकेगी बल्कि पुलिस भी जल्द जाँच शुरू कर सकेगी।

हत्या, लूट या रेप जैसी गंभीर धाराओं में भी ई-एफआईआर हो सकेगी। वॉइस रिकॉर्डिंग से भी पुलिस को सूचना दे सकते हैं।

E-FIR के मामले में फरियादी को तीन दिन के भीतर थाने पहुँच कर एफआईआर की कॉपी पर साइन करना होगा।

लेकिन एक जुलाई से पहले दर्ज हुए मामलों में नए क़ानून का असर नहीं होगा। यानी जो केस 1 जुलाई 2024 से पहले दर्ज हुए हैं, उनकी जाँच से लेकर ट्रायल तक पुराने क़ानून का हिस्सा होगी।

ख़ास बात ये है कि अब आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा और पहली सुनवाई के 60 दिन के भीतर आरोप तय किए जाएंगे।

दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी और मेडिकल रिपोर्ट 7 दिन के भीतर देनी होगी।

महिलाओं से जुड़े अपराधों में पहले से ज़्यादा सजा मिलेगी। महिलाओं-बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों को BNS में कुल 36 धाराओं में प्रावधान किया गया है।

रेप का केस धारा 63 के तहत दर्ज होगा। महिलाओं से जुड़े ज़्यादातर अपराधों में पहले से ज़्यादा सजा मिलेगी।

छह अपराधों में सजा के तौर पर कम्युनिटी सेवा का प्रावधान किया गया है।

नये कानूनों में संगठित अपराधों और आतंकवाद के कृत्यों को परिभाषित किया गया है, राजद्रोह की जगह देशद्रोह लाया गया है और सभी तलाशी तथा जब्ती की कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य कर दिया गया है।

गिरफ्तारी की सूरत में व्यक्ति को अब अपनी पसंद के किसी व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में सूचित करने का अधिकार दिया गया है। इससे गिरफ्तार व्यक्ति को तुरंत सहयोग मिल सकेगा।

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