तीन सौ रुपए से कम देकर कराइए गाय भैंस का बीमा  

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स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। शाहजहांपुर जिलें में रहने वाले पशुपालक योगेन्द्र यादव (40 वर्ष) की भैंस की मौत होने के बाद पशु बीमा न होने कारण उन्हें काफी नुकसान हुआ वहीं फैजाबाद के बहराय गाँव में रहने वाले राकेश दूबे (39 वर्ष) की गाय मरने उन्हें 40000 रूपये मिला क्योंकि उन्होंने अपनी गाय पशु बीमा करवाया था।

कई बार पशु अकाल मौत का शिकार हो जाते हैं और उनका बीमा न होने के कारण पशुपालक को आर्थिक नुकसान होता है। ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा पशुधन बीमा योजना चलाई जा रही है, जिसमें पशुपालक तीन सौ से भी कम रुपए में साल भर का बीमा करा सकते हैं।

इस योजना के तहत प्रदेश में गाय-भैंस, बैल, सांड, भेड़, बकरी समेत सभी पशुओं का बीमा किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. बीबीएस यादव बताते हैं, ”इस योजना में पहले केवल 50 प्रतिशत अनुदान केंद्र सरकार देती थी पर अब 25 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार भी देगी। ऐसे में पशुपालक को केवल 25 प्रतिशत ही देना होगा।”

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19वीं पशुगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में कुल चार करोड़ 75 लाख पशुधन है। बीमा के भुगतान के बारे में डॉ. यादव बताते हैं, ”पशुओं का बीमा दि ओरियेंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा कराया जा रहा है अगर कोई पशुपालक अपने पशुओं का बीमा कराना चाहता है तो अपने नजदीकी पशुचिकित्सालय में सूचित कर दें। पशुओं के पोस्टमार्टम के आधार पर ही उनको राशि दी जाती है।”

जोखिम प्रबन्धन एवं पशुधन बीमा योजना के तहत एक लाख 10 हजार पशुओं का बीमा का लक्ष्य रखा गया है जबकि 60 हजार पशुओं का बीमा कराया जा चुका है। पुराने नियमों के अनुसार प्रदेश के 39 जिलों में राष्ट्रीय पशुधन बीमा योजना चालू थी। लेकिन अब यह योजना प्रदेश के सभी जिलों में लागू है। जिस पशुपालक के पास अधिकतम पांच पशु है तो वह पशुओं का बीमा करा सकता है।

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बीमा कराने पर पशुओं के लगेगा डिजिटल टैग

पशुओं का बीमा कराने के बाद इंश्योरेंस कंपनी की ओर से ही पशुओं के कानों में डिजिटल टैग लगाए जाएंगे। टैग लगने के बाद बीमित पशुओं का पूरा विवरण बीमा कंपनी के साथ-साथ पशुपालन विभाग के पास भी रहेगा। इस टैग से पशुओं के बारे में पूरी जानकारी ली जा सकेगी।

कर मुक्त है पशुधन बीमा योजना

जोखिम प्रबन्धन एवं पशुधन बीमा योजना करमुक्त है। स्वदेशी पशुओं का बीमाकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाना है, ताकि छोटे/सीमान्त किसानों तथा भूमिहीन मजदूरों को योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जा सके। पशु बीमाकरण हेतु बीमा कम्पनी द्वारा पशुपालक के साथ पशु का एक फोटो और पशु का टैग लगा हुआ एक स्पष्ट फोटो लेना अनिवार्य है। पशु बीमाकरण प्रक्रिया में वांछित फोटोग्राफ की जिम्मेदारी बीमा कम्पनी की होगी। पशु को वर्तमान बाजार मूल्य के आधार पर बीमित किया जाता है।

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पशु की न्यूनतम बाजार दर गाय हेतु रुपए 4000.00 प्रति लीटर प्रति दिन या लोकल मार्केट के रेट से (सरकार द्वारा निर्धारित) और भैंस के लिए रुपए 6000.00 प्रति लीटर प्रति दिन या लोकल मार्केट के रेट से (सरकार द्वारा निर्धारित) की जा सकती है। छोटे पशु की कीमत 6000 रुपए व बड़े पशु की कीमत 60,000 रुपए से अधिक न हो। पशु के मूल्य का निर्धारण लाभार्थी तथा बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि द्वारा संयुक्त रूप से सामान्यतः पशुचिकित्साधिकारी/बी.डी.ओ. की उपस्थिति में किया जाना है। पशु के शव को अधिकतम 24 घण्टे तक बीमा कम्पनी के निरीक्षण के लिए रखना होगा। पशु चिकित्साधिकारी से सम्पर्क कर शव-विच्छेदन प्रमाण-पत्र प्राप्त करना होगा।

अगर कोई पशुपालक अपने पशुओं का बीमा कराना चाहता है तो वह इस नंबर पर संपर्क कर सकता है। बीमा कम्पनी के प्रतिनिधियों के दूरभाष नं0 – 9919101183 वेबसाइट- http://dadh.nic.in

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