इलाहाबाद। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी ऋण मोचन योजना के तहत जिले से चयनित किसानों में से 57 फीसदी किसानों का कर्ज माफ हुआ है। कर्जमाफी योजना के तहत बैंकों की मदद से कृषि विभाग के अधिकारियों ने जिले में योजना का लाभ देने के लिए 82,469 किसानों की सूची बनाई थी, जिन्हें कई चरणों मे सत्यापन कर योजना का लाभ देने का फैसला किया गया। अभी तक तीन चरणों मे सत्यापन कराकर 82,469 किसानों में से 47,410 किसानों के ऋण माफ किया जा सका है। योजना के लाभ के लिए अभी भी 43 फीसदी किसान इंतज़ार में हैं।
प्रदेश सरकार ने 31 मार्च 2016 तक के एक लाख तक के फसली ऋण को माफ करने का आदेश दिया था। आदेश के बाद जिले में 20 बैंकों की 257 शाखाओं से पात्र किसानों की सूची तैयार की गई। सूची के आधार पर तीन चरणों मे सत्यापन का कार्य पूरा किया जा चुका है। पहले चरण में 13,156 किसानों को योजना के लिए अंतिम रूप से पात्र माना गया, जिन्हें प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने गत सितम्बर महीने में शहर के परेड ग्राउंड में कार्यक्रम आयोजित कर 13,156 किसानों को कर्ज़माफी का प्रमाण पत्र प्रदान किया। इसके बाद दूसरे चरण के सत्यापन में 13,149 और तीसरे चरण के सत्यापन में 21,105 किसानों का सत्यापन कर कर्जमाफी का प्रमाण पत्र जारी किया गया, साथ ही इनके बैंक खाता में लोन की धनराशि ट्रांसफर कर दी गई।
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ऋण मोचन योजना के तहत चयनित कुछ किसानों की मृत्यु हो चुकी है, जिनके सत्यापन में विभाग को कुछ अधिक मेहनत करनी पड़ रही है। मृत्यु के बाद भी इन किसानों को योजना का लाभ देने के लिए कृषि विभाग और बैंक उनके उत्तराधिकारी से साक्ष्य के तौर पर मृत्यु और उत्तराधिकारी होने का दस्तावेज मांग रही है। इसके अलावा सत्यापन में दूसरी समस्या यह आ रही है कि कुछ ऐसे किसान हैं, जिनकी दो जिलों में खेती है।
ऋण मोचन योजना के तहत चयनित किसानों का सत्यापन कार्य जारी है। सत्यापन के बाद शत-प्रतिशत एक लाख के अंदर आने वाले सभी लघु और सीमांत किसानों को योजना का लाभ दिया जाएगा। प्रमाण पत्र से वंचित किसानों को जल्द ही प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दिया जाएगा।
अश्वनी कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी, इलाहाबाद
लाभ से वंचित रह गए कुछ किसान
जिले में कुछ ऐसे किसान हैं, जिन्हें चार से पांच हज़ार का ही लाभ मिल पाया है। ऐसे किसानों की संख्या डेढ़ हजार से अधिक है। इसके अलावा 25,234 लघु एवं सीमांत किसान ऐसे हैं जो कि योजना लागू होने से पूर्व बैंकों से लिये कर्ज को अदा कर चुके थे। इन लोगों को कोई फायदा नहीं मिला। कर्जमाफी योजना के लाभ के लिए तैयार सूची में पांच हज़ार के करीब बड़े किसान भी शामिल हो गए हैं। बैंकों की ओर से इन किसानों की सूची भेजी गई थी, जबकि यह योजना लघु और सीमांत किसानों के लिए लागू की गई थी। सत्यापन के बाद इन किसानों को हितग्राही सूची से बाहर कर दिया गया।
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