लखनऊ। मध्यक्रम की नाकामी से चिंतित भारत मंगलवार को यहां बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले विश्व कप मैच में जीत दर्ज करके सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की करने के लिये अंतिम एकादश में कुछ बदलाव कर सकता है। बांग्लादेश को सेमीफाइनल की दौड़ में बने रहने के लिये इस मैच में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी और ऐसे में वह अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ेगा। वहीं चोटिल विजय शंकर इस वर्ल्डकप से बाहर हो गए हैं और उनकी जगह मयंक अग्रवाल लेंगे।
पिछले साल आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले 28 वर्षीय अग्रवाल अभी तक वनडे में नहीं खेले हैं। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जसप्रीत बुमराह की गेंद से विजय के पैर की उंगलियां चोटिल हो गयी। उसकी स्थिति अच्छी नहीं है और वह टूर्नामेंट में आगे हिस्सा नहीं ले पाएगा। वह स्वदेश लौट रहा है। वहीं सूत्रों ने कहा, भारतीय टीम प्रबंधन उनकी जगह मयंक अग्रवाल को टीम में शामिल करने के लिये कह सकता है क्योंकि वह सलामी बल्लेबाज है और अगर ऋषभ पंत अगले दो मैचों में असफल रहते हैं तो इससे केएल राहुल वापस नंबर चार का जिम्मा संभाल सकते हैं। अग्रवाल के नाम को आईसीसी की टूर्नामेंट तकनीकी समिति से मंजूरी मिलने की संभावना है तथा वह बर्मिंघम में ही टीम से जुड़ सकते हैं।
वहीं एजबेस्टन के मैदान की स्थिति को देखते हुए भारत केदार जाधव और युजवेंद्र चहल को बाहर रखकर भुवनेश्वर कुमार और रविंद्र जडेजा को अंतिम एकादश में जगह दे सकता है। भारत के अभी सात मैचों में 11 अंक हैं और मंगलवार को जीत से उसकी सेमीफाइनल में जगह पक्की हो जाएगी। बांग्लादेश को पहली बार अंतिम चार में पहुंचने के लिये अपने दोनों मैच जीतने होंगे।
इंग्लैंड के हाथों हार के बाद भारत को अगले मैच की तैयारियों के लिये बहुत कम समय मिला है। उसका सामना अब उस टीम से है जिसके पास शाकिब अल हसन के रूप में नंबर एक आलराउंडर है। महेंद्र सिंह धोनी का फिनिशर के रूप में खराब प्रदर्शन और मध्यक्रम की नाकामी से भारत के कमजोर पक्ष खुलकर सामने आ गये हैं। इंग्लैंड के खिलाफ भारत आखिरी पांच ओवर में केवल 39 रन बना पाया जबकि धोनी और जाधव क्रीज पर थे। बड़े शाट लगाने में उनकी नाकामी से अधिक उनका प्रयास नहीं करना ज्यादा चर्चा का विषय बना।
टीम प्रबंधन हालांकि अपने सबसे अनुभवी खिलाड़ी के समर्थन में खड़ा है और ऐसे में गाज जाधव पर गिर सकती है जिससे जडेजा की टीम में जगह बनाने की संभावना मजबूत हो गयी है। इसके पीछे मुख्य तर्क यह है कि जाधव की तुलना में जडेजा छठे या सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अच्छे शॉट जमा सकते हैं। उनकी बायें हाथ की स्पिन गेंदबाजी रनों पर अंकुश लगा सकती है और क्षेत्ररक्षण में तो उनका कोई जवाब नहीं है।
एजबेस्टन मैदान का आकार प्रकार भी बदलाव का कारण बन सकता है जिसमें एक तरफ की बाउंड्री 60 मीटर से भी कम है। इंग्लैंड के जैसन रॉय, जॉनी बेयरस्टॉ और बेन स्टोक्स ने कलाईयों के स्पिनर चहल और कुलदीप यादव के खिलाफ रिवर्स स्वीप का अच्छा इस्तेमाल करके इसका पूरा फायदा उठाया था। ऐसी परस्थितियों में तमीम इकबाल, शाकिब, मुशफिकुर रहीम, लिट्टन दास और महमुदुल्लाह जैसे स्पिन को अच्छी तरह से खेलने वाले बल्लेबाजों के सामने कलाईयों के दो स्पिनरों को उतारना जोखिम भरा हो सकता है।
भुवनेश्वर कुमार फिट हैं और चयन के लिये उपलब्ध हैं और इस तरह से भारत टूर्नामेंट में पहली बार तीन मुख्य तेज गेंदबाजों के साथ उतर सकता है। चहल को विश्व कप में भारत की तरफ से सबसे खराब गेंदबाजी (दस ओवर में 88 रन, कोई विकेट नहीं) करने के बाद बाहर बैठना पड़ सकता है। बांग्लादेश के खिलाफ भुवनेश्वर को शामिल करने से निचले क्रम की बल्लेबाजी को भी मजबूती मिलेगी।
भारत के लिये महत्वपूर्ण यह है कि बांग्लादेश की गेंदबाजी इंग्लैंड की तरह धारदार नहीं है तथा वे शाकिब पर बहुत अधिक निर्भर हैं जिन्होंने टूर्नामेंट में अब तक 476 रन बनाने के अलावा दस विकेट भी लिये हैं। गेंदबाजी बांग्लादेश का कमजोर पक्ष है और विराट कोहली ऐसे में सपाट पिच टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करना चाहेंगे। (इनपुट भाषा)