अक्सर तनाव या कोई मानसिक समस्या होने पर हम नींदकी गोली खा लेते हैं और हमें नींद भी आ जाती है। धीरे धीरे ये बड़ी परेशानी में बदल जाता है। नींद की गोली हमारे दिमाग पर बुरा असर डालती है। यह बात हम नहीं बल्कि बहुत सारे शोधों में कहीं गई है।
हाल ही में एक रिसर्च में इस बात का खुलासा किया गया है कि एंटी कोलीनर्जिक युक्त गोलियां और नींद की गोली लेने से मैमरी ( याद्दाश्त) कमजोर हो जाती हैं। व्यक्ति के सोचने समझने की क्षमता बुरी तरह से प्रभावित हो जाती है। दिंमाग काफी धीमी गति से काम करता है।
शोधकर्त्ताओं की मानें तो इन गोलियों के सेवन से एसेटिलकोलाइन नामक केमिकल ब्लॉक हो जाता है। वहीं, जामा न्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, एसेटिलकोलाइन का स्तर कम होने से लोग डिमेंशिया समेत अन्य दिमागी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। यह दवाइयां एक दम से असर नहीं दिखाती ब्लकि लगभग एक माह के बाद इसका असर दिखना शुरू हो जाता है।
ये नींद की दवाएं भले कुछ समय के लिए आपको आराम देती हैं लेकिन लंबे समय के लिए ये परेशानी में भी डाल सकती हैं। इस बारे में लखनऊ के न्यूरोलॉजिस्ट एके पांडेय बताते हैं, नींद की दवाइयों का सेवन करना एक सीमा तक सही होता है लेकिन गोलियों का नियमित सेवन बीमारियां बढ़ा सकता है। विश्व में नींद की दवाई लेने वाले व नींद की दवाई का सेवन नहीं करने वाले लोगों की मृत्यु स्तर में अंतर होता है, इन गोलियों के सेवन से ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज का भी खतरा बना रहता है।
नींद न आना कहीं बीमारी तो नहीं
सावधानी बरतना जरूरी
नींद की कोई भी दवाई लेने से पहले आप डॉक्टर से पूछ भी सकते हैं कि आपको इसे कितने समय तक लेना होगा और कितनी मात्रा में। डॉक्टर जब भी इन दवाईयों को देते हैं तो वो उन्हें एक क्रम से देते हैं ताकि आपको उनकी आदत न पड़े और उनका दुष्प्रभाव भी आप पर न हों। लेकिन आपको इन दवाईयों को लेने के अलावा, खुद को सही रखने के लिए वर्कआउट करना चाहिए और कैफीन के सेवन से बचने के लिए चाय या कॉफी को कम पीना चाहिए।
स्वास्थ्य पर बुरा असर
नियमित दवाईयों का सेवन करने से कब्ज, सुस्ती, याददाश्त कमज़ोर होना, पेट दर्द, कमजोरी, चक्कर आना जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं।
नींद न आने पर ये उपाय अपनाएं
सोने का समय तय करें
कई बार ये भी देखा जाता है कि सोने या उठने का कोई निर्धारित समय न होना भी पूरा रूटीन खराब कर देता है। जल्दी सोने और उठने की आदत डालें। ऐसा करने से आपको खुद ही अंतर दिखेगा, दिनभर ताजगी रहेगी। सुस्ती या थकान भी कम होगी। सही दिनचर्या पूरे दिनभर के काम पर असर डालती है।
टीवी या मोबाइल का देर रात तक इस्तेमाल न करें
नींद न आने में सबसे ज्यादा भूमिका मोबाइल, इंटरनेट और टीवी का है। इसमें इंसान देर रात तक व्यस्त रहता है और सुबह देर से उठता है ये पूरी दिनचर्या को खराब कर देता है। इसलिए कोशिश करें कि सोने का एक निश्चित समय हो और उसके हिसाब से ही सोने का माहौल बनाएं। सोते समय हमेशा मन में अच्छे और सकारात्मक विचार रखिए। सोने की जगह शांत हो और लाइट हल्की हो या बंद हो।
नशे से बचें
सिगरेट, शराब या गुटखा आदि के नियमित सेवन से भी अनिद्रा की समस्या आती है। ज्यादा नशा करने और नशा न मिलने की वजह से भी नींद नहीं आती है। एल्कोहल से आपके सोने की दिनचर्या पर भी असर पड़ता है। इसे पूरे दिन चिड़चिड़ापन और थकान रहती है। रात में सोने से पहले दूध पिएं, जिससे अच्छी नींद आएगी।
चाय या कॉफी का सेवन न करें
चाय-कॉफ़ी को नींद का दुश्मन समझा जाता है। बहुत ज्यादा सेवन स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। इसलिए रात को सोने से पहले तो चाय या कॉफी की आदत न डालें। इसके अलावा दिन में भी दो या तीन से ज्यादा बार न पिएं।
तलवे की मसाज करें
सोने से पहले हाथ-पैर साफ करें और फिर अपने तलवों की मसाज करें। अच्छी नींद के लिए रोज सोने से पहले इस मसाज से आपकी अनिद्रा की समस्या दूर हो जाएगी। इससे रक्त का संचार सही से होता है।
व्यायाम
सोने से पहले हल्के फुल्के व्यायाम करें। कुछ योग ऐसे हैं जिनसे अनिद्रा की बीमारी दूर होती है, जैसे शवासन, वज्रासन, भ्रामरी प्राणायम आदि। इन्हें नियमित रूप से करने से नींद अच्छी आती है।