ये चमकदार हरी भरी सब्जियां कहीं आपके शरीर में ज़हर तो नहीं फैला रहीं  

बात पते की

किसान सब्जियों व फलों जैसे लौकी, कद्दू, खीरा आदि को कम समय में बड़ा करके बाजार में लाने के लिए कई कीटनाशकों व केमिकल का इस्तेमाल करते हैं जिसके कारण ये सब्जियां हमें फायदा पहुंचाने के बजाय अस्पताल के बेड तक पहुंचा सकती हैं।

सड़क के किनारे अक्सर हरी भरी, चमकती हुई सब्जियां देखकर हम लालचवश रुक जाते हैं लेकिन क्या ये संभव है। सब्जियों व फलों में इतनी ज्यादा प्राकृतिक चमक संभव ही नहीं है। ये कमाल है कैमिकल लेप व ऑक्सीटोसिन का, जो सब्जियों को जरूरत से ज्यादा बड़ी व हरी भरी दिखाते हैं और इन्हें खाकर हम खुद को धीरे धीरे बीमार बना रहे हैं।

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किसान सब्जियों व फलों जैसे लौकी, कद्दू, खीरा आदि को कम समय में बड़ा करके बाजार में लाने के लिए कई कीटनाशकों व केमिकल का इस्तेमाल करते हैं जिसके कारण ये सब्जियां हमें फायदा पहुंचाने के बजाय अस्पताल के बेड तक पहुंचा सकती हैं।

लखनऊ के जनरल फिजीशियन डॉ. एससी मौर्या बताते हैं, “पहले जो नेचुरल सीड होते थे उनसे सब्जियां उगाई जाती थी वो सेहत के लिए फायदेमंद होती थीं। लेकिन अब जल्दी मुनाफा पाने के चक्कर में किसान हाईब्रिड बीज बोते हैं जिनसे सब्जियां बहुत तेजी से बढ़ती हैं। लेकिन इनको खाने से हमारे शरीर को नुकसान भी होता है।”

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बैंगन, टमाटर को चमकदार दिखाने के लिए उन पर केमिकल का लेप लगा दिया जाता है। ये सब्जियों को लंबे समय तक सूखने नहीं देता है। उदाहरण के लिए अगर हम घर पर पपीता तोड़े तो वो 24 से 48 घंटे के अंदर खराब हो जाता है लेकिन किसान जब इन्हें तोड़ते हैं तो पैराइड केमिकल के लेप से ये लंबे समय तक ताजे बने रहते हैं। इन सब फलों व सब्जियों को जब हम खाते हैं तो शरीर का हर अंदरुनी अंग प्रभावित होता है।

पहले जो नेचुरल सीड होते थे उनसे सब्जियां उगाई जाती थी वो सेहत के लिए फायदेमंद होती थीं। लेकिन अब जल्दी मुनाफा पाने के चक्कर में किसान हाईब्रिड बीज बोते हैं जिनसे सब्जियां बहुत तेजी से बढ़ती हैं।

डॉ. एससी मौर्या, जनरल फिजीशियन, लखनऊ

डायबिटीज के बढ़ रहे मामले

हाल ही में आई रिसर्च के मुताबिक सब्जियों में इस्तेमाल होने वाले कीटनाशकों को खाने से डायबिटीज के मामले भी बढ़े हैं। ये शोध चूहे पर किया गया जिसे थोड़े समय तक लगातार कीटनाशक दिया गया उन चूहों में चार गुना तेजी से डायबिटीज बढ़ता दिखा।

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दिल्ली के डॉ वीके जैन बताते हैं, “अक्सर हमारे पास ऐसे केस आते हैं जिनमें खेतों में कीटनाशकों को छिड़काव करते समय वो किसान के शरीर के अंदर चला जाता है और वो बेहोश हो जाता है तो उन सब्जियों को खाने से भी हमें फायदा कैसे हो सकता है।”

वो आगे बताते हैं कि इनको खाने से थोड़े समय के लिए जी मिचलाना, उल्टियां आना, सिर में दर्द, पेट में दर्द हो सकता है तो वहीं देर से होने वाले असर में कैंसर, लीवर खराब होना, किडनी खराब होना आदि भी शामिल हैं।

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शुरुआत से ही होता है केमिकल का इस्तेमाल

सब्जी व फलों में केमिकल वाले उवर्रकों का इस्तेमाल बीज बोने के समय से ही शुरू कर दिया जाता है जिससे वो खराब न हो और पैदावार तेजी से हो। ज्यादातर सब्जियों व फलों में एंडोसफान उर्वरक का इस्तेमाल होता है जिसे खाने से पाचनतंत्र पर बुरा असर पड़ता है। इसके साथ ही सब्जियों को धोने के लिए गंदे पानी का इस्तेमाल होता है जिसमें लेड, कैडमियम की मात्रा होती है ये भी शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं।

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केमिकल के असर से बचने के लिए इन तरीकों को अपनाएं

  • सबसे पहले बाजार से सब्जी लाने के बाद उसे अच्छी तरह से धो लें।
  • 15 से 20 मिनट के लिए उसे साफ पानी में छोड़ दें।
  • गर्म पानी में नमक डालकर हरी सब्जियों को धोएं।
  • सब्जियों को अच्छी तरह से छीलकर ही पकाएं।

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