उन्नाव मामला: खेत में संदिग्ध हालात में 2 लड़कियों की मौत के मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?

दोपहर तीन बजे के करीब तीन लड़कियां खेत पर घास लेने गई थीं। तीनों लड़कियां शाम को संदिग्ध अवस्था में मिली जिसमें दो की मौत हो चुकी है जबकि तीसरी कानपुर में जिंदगी और मौत से जूझ रही है।
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उन्नाव (उत्तर प्रदेश)। यूपी के उन्नाव जिले के असोहा थानाक्षेत्र से लगभग तीन किलोमीटर दूर बबुरहा गाँव की तीन दलित लड़कियां दोपहर 3 बजे गांव से लगभग एक किलोमीटर दूर खेतों में चारा लेने गई थीं। शाम 6 बजे तक जब तीनो बच्चियां वापस नहीं लौटी तब परिजनों ने खोजबीन शुरू की। एक पीड़िता के खेत में ही तीनों लड़कियां संदिग्ध हालात में मिली।

परिजनों के अनुसार तीनों लड़कियों के दुप्पट्टे से गला और हाथ बंधे हुए थे। तीनों को परिजन तुरंत अस्पताल ले गए जहां दो को मृतक घोषित कर दिया गया जबकि तीसरी की हालत अभी गम्भीर बनी हुई है।

समझिए पूरा घटनाक्रम :

जिस सरसों के खेत में एक ही परिवार की तीन किशोरियां सदिग्ध परिस्थितियों में मिली थीं वहां काफी दूर तक सरसों टूटी पड़ी थी। खेत गांव से लगभग एक किलोमीटर दूरी पर है, जहां लड़कियां रोज की तरह पशुओं के लिए चारा लेने गईं थी।

तीन में से 2 लड़कियों को बुधवार की रात ही मृत घोषित कर दिया गया था जबकि तीसरी का कानपुर के अस्पातल में इलाज चल रहा है।

गाँव में गहमागहमी और आक्रोश का माहौल है। एक मृतका की माँ ने बताया, ‘वो रोज की तरह ही खेत में घास लेने गई थी। जब शाम तक वो लौटी नहीं तो उसके पापा खेत पर खोजने गए जहां वो दुप्पट्टे से बंधे हुए मिली। सब एक ही परिवार की हैं।”

वो रोते हुए अपनी बेटी को याद कर रही हैं, “कल वो घर का सारा काम करके गई थी। सुबह उसने चाय बनाकर पिलाई। किसी से हमारी कोई लड़ाई नहीं है फिर पता नहीं किसने मार दिया।”

मृतका की भाभी ने पुलिस पर आरोप लगाया, “हमारे ही घर की बेटी मरी और हमारे ही पति को कल से थाने में बिठा रखा है और आज सुबह हमारे ससुर को भी ले गई। कल से सारे फोन पुलिस ने ज़ब्त कर लिए हैं।”

गांव में दहशत और गम का माहौल है। परिजनों में इस बात का आक्रोश भी है कि उनके घर के परिजनों को पुलिस ने अपनी कस्टडी में क्यों रखा है?

वहीं पुलिस का कहना है कि परिजनों में से किसी को कस्टडी में नहीं रखा गया है। परिवार के कुछ लोग पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पर रुके थे, वहीं कुछ लोगों से पूछताछ कर साक्ष्य जुटाए जा रहे थे।

परिजनों के अलावा गांव में कोई भी पत्रकारों से मुश्किल से बात करने को तैयार है, लोगों में चुप्पी है पर हर कोई ये जानने के लिए बेचैन है कि आख़िर इतनी बड़ी घटना कैसे घटी।गाँव में कई राजनैतिक पार्टियों के लोग पहुंच चुके हैं, भीम आर्मी के लोग हैं, गांव में काफी गहमागहमी है, बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है जिससे माहौल खराब न हो।

एक मृतका की पड़ोसन ने बताया, “जब वो खेत में चारा लेने जा रही थी तो मैं अपने दरवाजे के बाहर ही बैठी थी, हंसते हुए तीनों सहेलियां गई हैं। खेत से चारा लेने तीनों रोज एक साथ ही जाती थी।”

इस घटना के बाद जिले का पुलिस और प्रशासन मुस्तैद हो गया है। जिलाधिकारी रवींद्र कुमार और पुलिस अधीक्षक आनन्द कुलकर्णी देर रात मौके पर पहुँचे और मामलें की गंभीरता से जांच का आदेश दिया। एसपी आनन्द कुलकर्णी ने बताया, “दो लड़कियों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया है जबकि तीसरी लड़की का ईलाज चल रहा है। मौके पर झाग मिलने प्रथम दृष्टया जहरखुरानी का मामला लग रहा है। मृतकों के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं। एक टीम गठित करके पुलिस गंभीरता के साथ मामले की जांच कर रही है।”

कुलकर्णी ने आगे कहा कि एक मृतक की मां ने बताया कि जब उन्हें लड़कियां अचेत अवस्था में मिली, तो उनके हाथ दुपट्टे या किसी अन्य चीज से बंधे नहीं हुए थे। हां, दुपट्टा सभी लड़कियों का आस-पास पड़ा हुआ था। पुलिस सभी का बयान लेकर मामले की गंभीरता से जांच कर रही हैं।

वहीं राज्य के एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि घटना उनके संज्ञान में है और पुलिस के कुछ सीनियर अधिकारी मामले की जांच में लग गए हैं। परिजनों का बयान ले लिया गया है जबकि पोस्टमार्टम के बाद जांच की प्रक्रिया और आगे बढ़ेगी।

फिलहाल मृतक लड़कियों के शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है, जिससे घटना के कारणों का कुछ हद तक पता चल सकता है। इस दौरान गांव में एक जेसीबी भी आई, जिस पर गांव वालों ने आशंका जाहिर की कि प्रशासन ने शव दफनाने के लिए जेसीबी भेजा है। इस पर ग्रामीणों ने हंगामा भी किया और कहा कि पोस्टमार्टम से शव के आने के बाद वे लोग खुद अंतिम संस्कार करेंगे। 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि मृतक बच्चियों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट से अभी यह पर्याप्त जानकारी नहीं मिल पाई है कि बच्चियों की मौत कैसे हुई। इसलिए उनका विसरा सुरक्षित रखकर उसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।

वहीं राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़िता के बेहतर से बेहतर इलाज के निर्देश दिए हैं और इस मामले में पुलिस महानिदेशक से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। पोस्टमार्टम होने के बाद मृत युवतियों का शव गांव पहुंच गया है।

मृतक लड़कियों के परिजन पुलिस-प्रशासन से मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। परिजनों का कहना था कि वे शवों का तभी अंतिम संस्कार करेंगे, जब उन्हें निष्पक्ष और सीबीआई जांच का भरोसा दिया जाएगा। हालांकि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के समझाने के बाद अब परिजन अंतिम संस्कार करने को तैयार हो गए हैं। शवों को दफनाने की तैयारी शुरू हो गई है।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो-2019 (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार देश में लगभग 45,935 दलित महिलाओं के साथ आपराधिक घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। ये वो मामले हैं जो रिपोर्ट हुए , जो मामले पुलिस तक पहुंच नहीं पाए उनका कोई लेखा-जोखा नहीं है। इनमें से सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश और राजस्थान से हैं।

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