लखनऊ। ये मौसम टमाटर की फसल लगाने के लिए सही होता है, वैसे तो टमाटर की खेती साल भर की जाती है, लेकिन इस समय टमाटर की खेती कर किसान अच्छी आमदनी कमा सकते हैं।
कृषि विज्ञान केन्द्र अंबेडकरनगर के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ़ रवि प्रकाश मौर्या बताते हैं, “किसान समय से टमाटर की नर्सरी तैयार कर टमाटर की खेती कर सकता है, इस समय ट्रे में नर्सरी तैयार कर सकते हैं, इसमे जल्दी पौध तैयार होती है और पौधे समान्य तरीके से उगाए पौधों से ज्यादा रोग प्रतिरोधी भी होते हैं। इसलिए समय से खेत तैयार कर पौध लगा लें।”
टमाटर का पौधा ज्यादा ठण्ड और उच्च नमी को बर्दाश्त नहीं कर पाता है। विपरीत मौसम की वजह से इसकी खेती बुरी तरह प्रभावित होती है। बीज के विकास, अंकुरण, फूल आना और फल होने के लिए अलग-अलग मौसम की व्यापक विविधता चाहिए। 10 डिग्री सेंटीग्रेड से कम तापमान और 38 डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा तापमान पौधे के विकास को धीमा कर देते हैं।
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टमाटर पौध की तैयारी
पौध की तैयारी के लिए जीवांशयुक्त बलुवर दोमट मिट्टी की जरुरत होती है। स्वस्थ और मजबूत पौध तैयार करने के लिए 10 ग्राम डाई अमोनियम फास्फेट और 1.5-2.0 किग्रा. सड़ी हुई गोबर की खाद प्रति वर्ग मीटर की दर से लगाना चाहिए। क्यारियों की लंबाई लगभग तीन मीटर, चौड़ाई लगभग एक औ भूमि की सतह से उचाई कम से कम 25-30 सेमी. रखना उचित होता होता है। इस प्रकार की ऊंची क्यारियों में बीज की बुवाई पंक्तियों में करना चाहिए, जिनकी आपसी दूरी पांच-छह सेमी. रखना चाहिए, जबकि पौध से पौध की दूरी दो-तीन सेमी. रखना चाहिए।
बुवाई के बाद क्यारियों को सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट से ढक दें। इसके बाद फुहारे से हल्की सिचाई करें। अब इन क्यारियों को घास-फूस या सरकंडे के आवरण से ढ़क दें। आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करते रहें। बुवाई के 20-05 दिनों बाद पौध रोपाई योग्य तैयार हो जाती है।
टमाटर की किस्में
- सामान्य किस्में: पूसा गौरव, पूसा शीतल, सालेनागोला, साले नबड़ा, वी.एल.टमाटर-1, आजाद टी-2, अर्का विकास, अर्का सौरभ,पंत टी -3
- संकर किस्में: रुपाली, नवीन, अविनाश-2, पूसा हाइब्रिड-4, मनीशा, विशाली, पूसा हाइब्रिड-2, रक्षिता, डी.आर.एल-304, एन.एस. 852, अर्कारक्षक, अर्का सम्राट, अर्का अनन्या
बीज की मात्रा
- सामान्य किस्में: 500 ग्राम प्रति हेक्टेयर
- संकर किस्में: 200-250 ग्राम प्रति हेक्टेयर
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बीज का चयन
बीज उत्पादन के बाद खराब और टूटे बीज छांट लिया जाता है। बुवाई वाली बीज हर तरह से उत्तम किस्म की होनी चहिये| आकार में एक समान, मजबूत और जल्द अंकुरन वाली बीज को बुवाई के लिए चुना जाता है। विपरीत मौसम को भी सहनेवाली एफ-1 जेनरेशन वाली हाइब्रिड बीज जल्दी और अच्छी फसल देती है।
मिट्टी का चयन
खनिजीय मिट्टी और बलुई मिट्टी में टमाटर की खेती अच्छी होती है, लेकिन पौधों के लिए सबसे अच्छी बलुई मिट्टी होती है| अच्छी फसल के लिए मिट्टी की गहराई 15-20 सेमी होनी चाहिए।
टमाटर पौध की रोपाई
जब पौध में चा-छह पत्तियां आ जाए और ऊंचाई लगभग 20-25 सेमी. हो जाए तब पौध रोपाई के लिए तैयार समझना चाहिए। रोपाई के तीन-चा दिन पहले पौधशाला की सिंचाई बन्द कर देनी चाहिए। जाड़े के मौसम पौध को पाला से बचने के लिए क्यारियों को पालीथीन चादर की टनेल बनाकर ऊपर से ढक देना चाहिए।
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उर्वरक देने की विधि
नत्रजन की आधी मात्रा तथा फासफोरस और पोटाश की पूरी मात्रा खेत की अंतिम जुताई के समय मिलानी चाहिए। गोबर की खाद की संपूर्ण मात्रा रोपाई से 15-20 दिन पहले ही मिलानी चाहिए। नत्रजन की शेष मात्रा सिंचित दशा में खरपतवार नियंत्रण के पश्चात रोपाई के 30-35 दिन बाद देनी चाहिए।
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