किसानों के उत्पादों को सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सरकार ने आधुनिक किसान बाज़ार व्यवस्था शुरू की है। इसके तहत छोटे किसानों को अब कृषि उपज को फुटकर में बेचने के लिए कोई मंडी शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सरकारों ने किसानों को उनके उत्पाद को सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए आधुनिक किसान बाज़ार बनाने शुरू कर दिए हैं। मध्यप्रदेश में किसान बाज़ार बनाने का आदेश देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही कह चुके हैं कि एमपी सरकार इस वर्ष एक हज़ार करोड़ की लागत से प्रदेश में 378 स्थानों पर किसान बाज़ार बनाएगी, वहीं उत्तर प्रदेश में पिछले तीन वर्षों से बाज़ारों का निर्माण कार्य जारी है।
मंडी में लाई गई आवक पर ढाई प्रतिशत मंडी शुल्क लेने का प्रावधान है, सब्जियों या फलों पर पांच प्रतिशत मंडी शुल्क लिया जाता है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई भी व्यक्ति एक कुंतल उपज की आवक लेकर मंडी आया है और उसे बेचकर उसने 150 रुपए कमाए हैं तो उसे 3.75 रुपए मंडी शुल्क देना पड़ेगा। ऐसे ही 10,000 रुपए पर 250 रुपए मंडी शुल्क देना पड़ता है।
यूपी में बन रहे किसान बाज़ार के बारे निदेशक मंडी परिषद धीरज कुमार ने बताया , ” उत्तर प्रदेश में सात जिलों ( लखनऊ, इटावा, झांसी, कासगंज, कन्नौज, हरदोई और बहराइच ) में आधुनिक किसान बाज़ार बनाए जा रहे हैं। इस बाज़ारों को बनाने के लिए इन जिलों में दो एकड़ से लेकर 10 एकड़ तक की ज़मीन निर्धारित की गई है।”
किसान बाज़ार में किसानों को मंडी शुल्क देने से छूट तो मिलेगी ही, साथ ही बाज़ार में अनाज किसानों को खास तौर पर अनाज की क्लीनिंग, ग्रेडिंग, सॉर्टिंग और पैकेजिंग जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी।
मध्य प्रदेश में भी 378 स्थानों में से पांच जगहों में किसान बाज़ार का काम लगभत पूरा किया जा चुका है। इस बारे में कृषि उत्पादन आयुक्त, मध्य प्रदेश प्रेम चंद मीना ने बताया ,” मध्य प्रदेश में खोले जा रहें किसान बाज़ारों में मुख्यरूप से हॉर्टीकल्चर से जुड़े किसानों को लाभ मिलेगा। इन किसान बाज़ारों की देखरेख के लिए मंडी परिषद के साथ साथ नगर पालिका स्तर और जिला प्रशासन की मदद ली जाएगी।” उन्होंने आगे बताया कि इन बाज़ारों में ऐसी व्यवस्था की जाएगी, जिसमें दैनिक रूप से फलों और सब्जियों से जुड़े छोटे किसान अपनी उपज को बेच पाएं।
किसान बाज़़ारों में खेती से जुड़े उत्पादों की बिक्री के अलावा हेंडीक्राफ्ट और हैंडलूम से जुड़े उत्पाद भी बेचने की सुविधा रहेगी। बाज़ार के एक हिस्से में बनी दुकाने शिल्पकारों और बुनकरों के लिए भी एलॉट की जाएंगी। ये दुकाने बाहर के रेट से सस्ते दर पर दी जाएंगी। इसके अलावा किसानों के लिए कैंटीन की व्यवस्था भी की जाएगी, जिसमें सस्ता खाना मिलेगा।
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मध्य प्रदेश सरकार ने किसान बाज़ार योजना में जिलेवार बनाए जा रहे किसान बाज़ारों में आने वाले हर एक किसान का डाटा इकट्ठा करने के लिए खास डाटाबेस बनाया है, इससे यह पता चल पाएगा कि किसान व्दारा सीधी खरीद की जा रही है या नहीं।