हाल ही में हमें विश्वविद्यालय के पास किसानों के आम के बागों का दौरा करने का मौका मिला, जहां देखा गया कि आम के पेड़ों पर मंजर आना शुरू हो चुका है। यह किसानों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि मंजर का सही समय पर आना अच्छी पैदावार की उम्मीदें बढ़ाता है। हालांकि, इस समय एक बड़ी चिंता का विषय दहिया कीट (Mealy Bugs) का प्रकोप भी है। बिहार में आम की खेती के लिए यह कीट एक गंभीर समस्या बन गया है और इसका प्रकोप पिछले कुछ वर्षों से लगातार देखा जा रहा है।
आम की सफल खेती सुनिश्चित करने के लिए किसानों को समय रहते इस कीट का प्रभावी प्रबंधन करना जरूरी है। यदि यह कीट मंजर के साथ दिखने लगे, तो यह उत्पादन को नुकसान पहुंचा सकता है।
दहिया कीट (Mealy Bugs) की पहचान और हानिकारक प्रभाव
- ये छोटे, सफेद रूई जैसे कीट होते हैं, जो पेड़ की कोमल शाखाओं, पत्तियों और मंजर पर तेजी से फैलते हैं।
- यह कीट पौधों का रस चूसकर उन्हें कमजोर बना देते हैं, जिससे फूलों का गिरना, कम फल लगना और उपज में भारी कमी आ सकती है।
- इनके स्रावित चिपचिपे पदार्थ (हनीड्यू) से फफूंद (सूट मोल्ड) बढ़ता है, जो पत्तियों को काला कर देता है और प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया में बाधा डालता है।
किसानों के लिए तत्काल कदम
यदि मंजर 4-5 इंच से छोटा है और फूल पूरी तरह से नहीं खिले हैं, तो निम्नलिखित उपाय तुरंत अपनाएं:
जैविक उपचार
- नीम तेल स्प्रे: 1 लीटर गुनगुने पानी में 1.5 चम्मच नीम का तेल और 1 चम्मच हल्का तरल साबुन मिलाकर छिड़काव करें। नीम का तेल प्राकृतिक रूप से कीटों को नियंत्रित करने में मददगार होता है और पर्यावरण के लिए सुरक्षित है।
रासायनिक उपचार (यदि जैविक उपाय पर्याप्त न हों)
- प्रारंभिक अवस्था में स्प्रे: मंजर निकलने की प्रारंभिक अवस्था में डायमेथोएट 30 ई.सी. या क्विनाल्फोस 25 ई.सी. @ 1.5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इससे कीटों को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।
कल्चरल एवं यांत्रिक नियंत्रण
- प्रभावित शाखाओं को काटकर नष्ट करें और बाग में साफ-सफाई बनाए रखें।
- पेड़ों के तनों पर ग्रीस बैंड या पोलिथीन पट्टी लगाएं ताकि कीट ऊपर न चढ़ सकें।
- चींटियों पर नियंत्रण रखें, क्योंकि ये कीटों को पेड़ों पर फैलाने में मदद करती हैं।
भविष्य के लिए रोकथाम के उपाय
- नियमित निरीक्षण: बाग की नियमित निगरानी करें ताकि प्रारंभिक अवस्था में कीटों को पहचाना और नियंत्रित किया जा सके।
- पर्यावरण-अनुकूल प्रबंधन: जैविक और समेकित कीट प्रबंधन (IPM) तकनीकों का उपयोग करें।
- संतुलित पोषण प्रबंधन: पेड़ों को पर्याप्त पोषण दें ताकि वे कीटों के प्रति अधिक प्रतिरोधी बन सकें।
दहिया कीट (Mealy Bugs) आम की खेती के लिए एक गंभीर खतरा है, लेकिन समय पर उचित प्रबंधन से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। किसानों को सतर्क रहकर बागों का निरीक्षण करना चाहिए और जैविक व रासायनिक उपायों को सही समय पर लागू करना चाहिए, ताकि आम की मंजर की सुरक्षा हो और अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सके।
सतर्कता और सही प्रबंधन से आम की पैदावार बढ़ाएं और कीटों से बचाव करें!