औरैया। दलहनी और तिलहनी फसलों को प्रदेश में बढावा देने के लिए किसानों को जहां आधे रेट पर बीज दिया जा रहा है वहीं मूंगफली का बीज नेशनल आयल आॅन आयल सीडस एंड आयल पाम (एनएमओओपी) योजना के द्वारा निशुल्क दिया जा रहा है।
पूरे प्रदेश में मूंगफली की खेती का लक्ष्य 95 हजार हेक्टेयर का रखा गया है। इसके लिए प्रदेश के सभी मंडलों और जिले पर कृषि विभागों में 600 कुंतल मूंगफली गिरनार-2 प्रजाति का बीज भेजकर वितरण शुरू करा दिया गया है। कृषि विशेषज्ञ राजवीर सिंह ने बताया ”जहां बलुअर-दोमट दोनेां मिटटी होती है वहां मूंगफली अच्छी होती है।
जिन जिलो में कहीं बलुअर और कहीं दोमट मिटटी है वहां किसान मूंगफली करता जरूर है लेकिन वह सफल नहीं हो पाता है। मूंगफली बुआई का समय फरवरी के अंतिम सप्ताह से शुरू होता है जो कि 20 मार्च तक चलता है लेकिन इस बार किसान देरी से बुआई कर रहे है फिर भी किसान 05 अप्रैल तक बुआई कर लें इसके बाद न करें।”
निशुल्क में दिया जा रहा बीज
कानपुर मंडल के तीन जिले फर्रखाबाद, कन्नौज, इटावा में मूंगफली की खेती होती है। कन्नौज के जिला कृषि अधिकारी अभिनंदन ने बताया ”मेरे जिले में 100 पैकेट कुल 20 कुंतल मूंगफली का बीज आया है जिसका वितरण शुरू करा दिया गया है। मूंगफली का बीज किसानों को निशुल्क दिया जा रहा है।”
इच्छुक किसानों को दिया जा रहा बीज
उप कृषि निदेशक औरैया विजय कुमार ने बताया ”जिले के सात ब्लाकों में सहार में कुछ जगह पर बलुअर-दोमट मिटटी पाई जाती है जहां किसान मूंगफली की खेती करते है। इच्छुक किसानों को ही बीज दिया जाता है। प्रदर्शन का लक्ष्य नहीं आया है इसलिए किसानों का चयन नहीं किया जा सकता है।”
मूंगफली की इन मंडलों में होती अच्छी पैदावार
मडल का नाम – लक्ष्य हेक्टेयर में
लखनऊ – 5100
अलीगढ – 1300
आगरा – 52400
कानपुर – 36200
इन मंडलों में कम होती मूंगफली
सहारनपुर, आजमगढ, मिर्जापुर, देवीपाटन, मुरादाबाद, इलाहाबाद और बस्ती मंडल के जिलो में कहीं बलुअर मिटी है तो कहीं दोमट मिटटी है। इसलिए इन मंडलों में कम मूंगफली होती है। जहां पर बलुअर और दोमट दोनों मिटटी पाई जायेगी। वहीं अधिक मूंगफली होती है।
तिलहनी फसल में किसानों को मूंगफली का बीज निशुल्क दिया जा रहा है जिससे उन्हें आर्थिक तंगी से न जूझना पडे। पिछले साल की अपेक्षा इस साल मूंगफली का पैदावार में अच्छा रिकार्ड रहेगा।
सोराज सिंह, कृषि निदेशक, उत्तर प्रदेश
यहां नहीं होती मूंगफली
उत्तर प्रदेश के मंडल मेरठ, फैजाबाद और वाराणसी तीन ऐसे मंडल है जहां मूंगफली की पैदावार ही नहीं होती है। इन तीनों मंडलों के एक भी जिले में बलुअर-दोमट मिटटी एक साथ तो दूर की बात है। अलग-अलग भी कहीं नहीं है।
मंडलों में भेजा गया मूंगफली का बीज
मंडल का नाम – बीज के पैकेट – मात्रा कुंतल में
सहारनपुर – 25 – 05
अलीगढ – 100 – 20
आगरा – 300 – 60
बरेली – 490 – 98
मुरादाबाद – 20 – 04
कानपुर – 225 – 45
इलाहाबाद – 80 – 16
झांसी – 300 – 60
चित्रकूट – 200 – 40
मिरजापुर – 60 – 12
आजमगढ – 20 – 04
गोरखपुर – 380 – 76
बस्ती – 50 – 10
लखनऊ – 700 – 140
देवीपाटन – 50 – 10
कुल – 3000 – 600