सोनभद्र। उत्तर प्रदेश के धान उत्पादक किसानों को अपनी उपज का पूरा लाभ मिल सके और धान खरीद की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता रहे, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कई जिलों में खरीद केंद्रों का निरीक्षण कर चुके हैं। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार ने ज्यादा से ज्यादा गेहूं सरकारी रेट पर खरीदने का ऐलान किया है, खरीद केंद्रों पर किसानों को सुविधाएं भी दी जा रही हैं, लेकिन कई कुछ जिलों के अधिकारियों में मुख्यमंत्री का खौफ नजर नहीं आता। ऐसे में ऑनलाइन व्यवस्था के चलते भी छोटे किसान परेशान हो रहे हैं।
औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों से खरीफ वर्ष 2017-18 के लिए प्रदेश में 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदने की घोषणा की है। सरकार ने तो ऑनलाइन धान खरीदने का फरमान तो सुना दिया है, लेकिन किसानों को अपना धान बेचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित जिले सोनभद्र की, जहां सरकारी फरमान के आगे किसान बेबस दिख रहे हैं। सरकार की ऑनलाइन धान खरीदने की प्रक्रिया के चलते किसान अपना धान सरकारी केंद्र पर न बेच कर व्यापारियों को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं।
अभी तक 38 क्रय केंद्रों में बोहनी नहीं
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 450 किमी दूर सोनभद्र जिले में सरकारी धान की खरीद शुरू हुए 15 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है। जिले में सरकारी धान खरीद के 55 क्रय केंद्रों पर कुल 72 हजार 800 मीटिक टन धान की खरीद की जानी है। 55 क्रय केंद्रों में से अभी तक 38 क्रय केंद्रों पर बोहनी तक नहीं हुई है। ऐसे में जिले का धान खरीद का लक्ष्य पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा है।
‘हम साहब रहे अनपढ़’
जब जिले के धान बेचने वाले किसानों से बात की तो मामला कुछ और ही नजर आ रहा है। दुध्दी ब्लॉक के किसान भानू प्रसाद (58 वर्ष) बताते हैं, “हमें पता चला है कि जिनके नाम कंप्यूटर में हैं, उनके ही धान सरकार खरीदेगी। हम साहब रहे अनपढ़, हम क्या जानें, कैसे हमारा नाम कंप्यूटर में आएगा।” भानू आगे बताते हैं, “सरकार तो धान का अच्छा पैसा दे रही है, मगर हम वहां नहीं बेच सकते। हमारे पास लगभग 18 कुंतल धान है। हम व्यापारी से बात किए वो हमारे घर से धान खरीद ले गए। हमारा धान 1350 रुपए में बिका है।”
कुछ रुपए कम ही सही
वहीं राबर्टसगंज ब्लॉक के बभनौली गाँव के किसान रामबली (44 वर्ष) बताते हैं, “सरकारी खरीद पर तो हम किसान भाइयों को विश्वास नहीं है। सरकार तो धान का अच्छा पैसा दे रही है, लेकिन यहां जब धान लेकर आओ तो अधिकारी बताते हैं कि तुम्हरा धान बहुत हल्का है। इसलिए खरीद नहीं हो सकी।” रामबली आगे बताते हैं, “हम इतना किराया लगातर अपना धान लेकर पहुंचे, लेकिन यहां बिका ही नहीं। इससे तो अच्छा है कि व्यापारी का फोन कर दे दें तो वो घर से हमारा धान खरीद कर ले जाते हैं। कुछ रुपए कम सही, लेकिन हमका कोई दिक्कत नहीं होती है।”
व्यापारी पैसा नकद दे देता है
जिले के घोरावल ब्लॉक के जमगांई गाँव के किसान जितेंद्र पाठक (53 वर्ष) बताते हैं, “सरकारी खरीद केंद्र पर अपना धान बेचने के लिए वहां तक कोई न कोई वाहन की व्यवस्था करनी पड़ती है, उसके बाद मजदूर लगाने पड़ते हैं, जिसमें काफी पैसा खर्च हो जाता है। फिर धान बिकने के बाद अपने बैंक खाते में पैसा आने का इंतजार करना पड़ता है। इससे तो अच्छा है कि प्रति कुंतल अगर 50-60 रुपया कम में भी हम व्यापारी को अपने खेत से ही धान उठवा देते हैं। वो पैसा भी नगद दे देता है।”
क्या कहते हैं अधिकारी
घोरावल ब्लॉक के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी संदीप कुमार भारतीय बताते हैं, “जिले में अब कटाई शुरू हुई है। इस बार सरकार की तरफ से प्रति कुंतल धान का रेट 1550 रुपए निर्धारित किया गया है। हम किसानों का धान वही लेते हैं, जिसमें एक कुंतल धान में 67 किलो चावल निकलता है। ये धान खरीद का सरकारी मानक है।” संदीप आगे बताते हैं, “किसानों का धान खरीदने के बाद लिए गए धान का पैसा किसानों के खाते में आरटीजीएस के जरिए भेजा जाता है, जो किसान के बैंक खाते में 72 घंटे के अंदर आ जाता है।”
किसान आएं तो खरीद जरूर होगी
इस संबंध में जब साधन सहकारी समिति के जिला प्रबंधक देवेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया, “किसानों का धान खरीद के लिए हम तैयार हैं। किसान आएं तो खरीद जरूर होगी। जिले में अभी धान की कटाई शुरू हुई है। धीरे-धीरे तेजी आ रही है। अब खरीद में भी तेजी आएगी।”
बाकी केंद्रों पर जल्द खरीद शुरू हो जाएगी
विपणन साखा के कई केंद्रों पर धान की खरीद शुरू हो चुकी है। साधन सहकारी समिति के 39 खरीद केंद्रों में से अभी एक पर खरीद शुरू हो सकी है। जिले में 72 हजार 800 एमटी खरीद का लक्ष्य है जिसमें अभी तक 500 एमटी धान की खरीद हो चुकी है। बाकी केंद्रों पर जल्द खरीद शुरू हो जाएगी।
देवेंद्र सिंह, डिप्टी आरएमओ, सोनभद्र
सोनभद्र में धान खरीद के क्या कहते हैं आंकड़े
- जिले में कुल क्रय केंद्र : 55
- खरीद का कुल लक्ष्य : 72800 एमटी
- अब तक कुल खरीद : करीब 500 एमटी
- खरीद की अंतिम तिथि : 28 फरवरी
- समर्थन मूल्य : 1550 रुपए प्रति कुंतल