मुनाफे की खेती बन रही है पुदीना की फसल 

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औरैया। न कीड़े लगने का डर, न ही बरसात के पानी का डर। यही कारण है कि पुदीना की फसल के प्रति किसानों का रुझान बढ़ रहा है।

जड़ की बुवाई होने के बाद फसल 60 से 70 दिन में बाजार में पहुंच जाती है। इस फसल में किसी प्रकार का कोई रसायन नहीं डालना पडता है। यह मेथी की तरह तीन से चार-बार काटा जाता है। बाजार में इसका भाव 100 से 150 रुपए पसेरी (पांच किलो) बिकता है। एक हेक्टेयर में एक किसान एक लाख रुपये से सवा लाख रुपए का मुनाफा उठा लेते हैं।

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औरया के जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर पूरब दिशा में बसे गाँव कखावतू निवासी जागेश्वर दयाल (56 वर्ष) बताते हैं, “मेरे पास एक हेक्टेयर खेत है और पूरे खेत में पुदीने की जड़ लगा दी। अब फसल तैयार हो रही है। इस फसल से एक हेक्टेयर से तकरीबन एक से सवा लाख रुपए तीन माह में कमा लेते हैं।”

पहले पुदीना की उत्पत्ति पहाड़ी इलाकों में अधिक होती थी, लेकिन अब प्रदेश के प्रत्येक जिले में किसान इसकी फसल कर रहे हैं। एक बार लगाई पुदीने की बेल से तीन से चार बार काट कर बाजार में ले जाया जाता है। पुदीना का प्रयोग कढ़ी और काढ़ा बनाने में किया जाता है। दाल-साग आदि में भी इसका प्रयोग किया जाता है।

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औरैया के जिला उ़द्यान अधिकारी राजेंद्र कुमार गाँव कनेक्शन से बताते हैं, “पहाड़ी के साथ-साथ बलुई और दोमट मिट्टी में पुदीने की फसल अच्छी होती है। कभी कीड़ा नहीं लगता है और 60 से 70 दिन में फसल आ जाती है। मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़ से आती जड है और 3 से 4 सेंटीमीटर की गहराई पर रोपाई कर दी जाती है। फरवरी और मार्च में बुआई की जाती है।

पुदीना हरा और ताजा पाने के लिए ऐसा नहीं है कि खेत पर ही लेने जाया जाए। आपके घर में जहां फूलों के गमले रखे हैं, वहां गमले में पुदीना लगा सकते हैं। लॉन में बड़े गमलों में लगा लें। पुदीने की जड़ किसी भी फूलों वाले गमले लगा दें, वह स्वत: निकल आएगी। पुदीना के पत्तों से भीनी-भीनी सुगंध आती रहती है।

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पहाड़ी के साथ-साथ बलुई और दोमट मिटटी में पुदीने की फसल अच्छी होती है। कभी कीड़ा नहीं लगता है और 60 से 70 दिन में फसल आ जाती है। मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़ से जड़आती है और 3 से 4 सेंटीमीटर की गहराई पर रोपाई कर दी जाती है। फरवरी और मार्च में बुआई की जाती है।

– राजेंद्र कुमार, जिला उ़द्यान अधिकारी, जनपद औरैया

70 रोगों में काम करता है पुदीना

मुंह की दुर्गंध, जहरीले कीडों के काटने पर, चेहरे की सौंर्दयता, गैस, आंतों के कीड़े, बिच्छू के डंक मारने पर, पेट में दर्द, त्वचा के रोग, सर्दी और खांसी, बदहजमी, त्वचा की गर्मी, रक्त का जमना, पित्ती, सिर का दर्द, हैजा, बच्चों के रोग, वायु के रोग, आंतों के रोग, शीत बुखार, टायफायड, निमोनिया सहित स्त्री के रोगों को मिलाकर 70 रोगों पर पुदीना काम करता है।

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ढाई महीने में ही अच्छा मुनाफा देगी फसल

जिला मुख्यालय से 14 किमी दूर दक्षिण दिशा में बसे दयालपुर निवासी नईम खान (49 वर्ष) बताते हैं, “पुदीना की जड़ खुद तैयार कर लेते हैं, बीज भी नहीं लाना पड़ता है। इतना ही नहीं, इस फसल में किसी प्रकार का कोई कीड़ा नहीं लगता और न ही कोई जानवर जल्दी खाता है। इसलिए फसल सेफरेड है। ढाई महीने में फसल अच्छा मुनाफा देती है।“

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