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बदलते तापमान में ऐसे करें अपनी फसलों की देखभाल, मौसम विभाग ने दी है काम की सलाह

ठंड के जाते जाते देश के कई उत्तरी राज्यों में बारिश या मौसम के शुष्क रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने ऐसे में अलग अलग फसलों के लिए काम की जानकारी दी है।
agriculture advisory

अगर आप गेहूँ की खेती से जुड़े हैं या चना बोया है तो अगले कुछ दिनों तक आपको अपनी फसल की ख़ास देखभाल करने की ज़रुरत है। भारत मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिनों तक उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में हल्की से तेज़ बारिश हो सकती है। ख़ासकर लखनऊ और उसके आसपास 20 से 23 फ़रवरी के बीच मध्यम बादल छाये रहेंगे और बारिश भी हो सकती है।

इस मौसम में कीट या बारिश से फसलों का कैसे ध्यान रखना है यहाँ बता रहे हैं।

गेहूँ की फसल

अभी के मौसम को देखते हुए किसान भाइयों को खड़ी फसलों में सिंचाई या किसी तरह का छिड़काव नहीं करना चाहिए।

गेहूँ की फसल में रोगों विशेषकर काला, भूरा या पीला रतुआ की निगरानी करते रहें।

चना की फसल

मौसम विभाग का कहना है कि ना सिर्फ अधिकतम तापमान 26 से 27 डिग्री सेंटीग्रेड और न्यूनतम 11 तक जा सकता है बल्कि उत्तर -पश्चिमी / पूर्वी दिशा की हवाए 8 -12 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चलेंगी। ऐसे में चना की फसल पर भी सिंचाई या किसी छिड़काव से बचना चाहिए।

ऐसे में चने की फसल में फली छेदक कीट की निगरानी के लिए फीरोमोन प्रपंश 3 से 4 प्रति एकड़ उन खेतों में लगाएँ जहाँ पौधों में 40 से 50 प्रतिशत फूल खिल गए हो।

आम की फसल में ऐसे करें बचाव

आम की फसल में इन दिनों मिली बग के बच्चे ज़मीन से निकल कर आम के तनों पर चढ़ते हैं। इसको रोकने के लिए ज़मीन से 5 मीटर की ऊँचाई पर आम के तने के चारों तरफ 25 से 30 सेंटी मीटर चौड़ी अल्काथीन की पट्टी लपेटे।

तने के आसपास की मिट्टी की खुदाई करें, जिससे उनके अंडे नष्ट हो जायेंगे।

वैज्ञानिकों की सलाह है कि इस समय पशुपालक अपने पशुओं के अच्छे स्वास्थ्य और दूध उत्पादन के लिए हरे चारे / बरसीम के साथ -साथ 50 ग्राम नमक और 50 से 100 ग्राम खनिज मिश्रण प्रति पशु ज़रूर दें।

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