बीहड़ में बंजर जमीन पर बबूल काट अब कर रहे एलोवेरा की खेती

CIMAP

औरैया। जिले की यमुना पट्टी में बसे गाँव बीहड इलाका के नाम से जाने जाते है। वो बीहड़ की जमीन जहां लोग दिन में जाने से डरते हैं। वहां एक किसान ने बंजर जमीन में खड़े बबूल के पेड़ काट कर ऐलोवेरा लगाया की खेती शुरु की है, जिसमें सात लाख रुपए की लागत आई है।

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जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर दक्षिण दिशा में बसे गाँव जुहीखा के किसान वीरेंद्र सिंह (42 वर्ष) की सात एकड़ जमीन बीहड़ में है। जहां कभी बबूल के जंगल हुआ करते थे, लेकिन पानी का साधन सही था। ये जमीन उस बीहड़ की है जहां कभी डकैतों की गोलियों तड़तड़ाहट से ये एरिया दहला करता था। उसी जमीन पर खड़े बबूल वीरेंद्र सिंह ने खुद से काटा और गाँव के लोगों को मजदूरी देकर कटवा दी।

इसके बाद जेसीबी मशीन से बबूल की जड़े खुदवा दी, जिसे ग्रामीण जलाने के लिए उठा ले गये। बीहड़ की जमीन में किसान जो ऐलोवेरा उगाया है एक अन्य किसानों के लिए मिसाल है। सीमित संसाधनों तथा प्रतिकूल जलवायु की चिंता किये गये सात एकड़ की जमीन में सात लाख रूपये का किसान ने निवेश किया है जो कि कृषि अभियांत्रिकी के क्षेत्र में एक अच्छा कदम है।

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किसान वीरेंद्र सिंह बताते हैं, “इस जमीन में बबूल खड़े थे इसलिए जंगली जानवरों और डकैतों की पनाहगाह थी ये जमीन, लेकिन मेरा बैनामा होने की वजह से ये जमीन मेरी थी। डकैतों का साम्राज्य खत्म होने के बाद कुछ करने का मन हुआ तो बबूल को कटवा कर पूरा खेत साफ कराया और मेडबंदी की। बंजर जमीन को समतल बनाने में तकरीबन तीन लाख रुपए खर्च हो गया। जलवायु जरूर प्रतिकूल है लेकिन मैंने बिना किसी चीज की परवाह किये अपनी कमाई का इकट्ठा किया हुआ पैसा एलोवेरा फसल करने पर लगा दिया। खेत बनाने से लेकर फसल तैयार करने तक सात लाख रूपये का खर्च आ चुका है। मैंने अपने हौसले को डिगने नहीं दिया। अब भगवान के हाथ में है हम इस फसल से अमीर बनते है या फिर फकीर।”

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जंगली जानवरों से इस फसल को नुकसान नहीं है इसलिए ऐलोवेरा अब अच्छा दिखाई दे रहा है। इसके अलावा जो भी फसल किसान करते है उसे आवारा पशुओं के अलावा जंगली जानवर खत्म कर देते है। जिससे किसान बाद में अपनी किस्मत को ही दोष देता है।

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जिला उद्यान अधिकारी राजेंद्र कुमार ने बताया, “कृषि अभियांत्रिकी के क्षेत्र में किसान ने एक बहुत बड़ा कदम उठाया है। ऐलोवेरा की एक साल की क्राप कटिंग में 15 से 20 लाख रुपए की आय होगी। किसान ने जिस हिसाब से लगाया है उससे उसे अमीर बनने में देर नहीं लगेगी।”

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