पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार के द्वारा कृषक बंधु योजना की दोबारा शुरुआत और पैसे दोगुने किए जाने से प्रदेश के किसानों में खुशी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुताबिक अब किसानों को साल में 10,000 रुपए मिलेंगे। जिनके पास एक एकड़ से कम जमीन है उन्हें साल में 4,000 रुपए मिलेंगे। अगर किसी किसान की 60 वर्ष की उम्र तक मृत्यु होती है तो उसके परिवार को 2 लाख रुपए की एक मुश्त राशि मिलेगी।
“कृषक बंधु योजना का पैसा बढ़ने से बहुत किसानों को लाभ होगा। यहां लोगों के पास जमीन बहुत कम हैं। गरीबी बहुत है। मेरे पास ही सिर्फ 0.47 एकड़ जमीन है। मुझे कृषक बंधु योजना के तहत अभी तक 1000-1000 करके दो बार में 2000 रुपए मिले हैं। पीएम किसान योजना अभी तक यहां लागू नहीं थी। पिछले दिनों वो भी शुरू हुई। किसानों को फायदा होगा।” ईस्ट मिदनापुर जिले के कुमर्गा गांव में रहने वाले सुब्रतो शाहू (32 वर्ष) फोन पर बताते हैं।
सुब्रतो ने पिछले दिनों ही पीएम किसान योजना के 2,000 रुपए के लिए रजिस्ट्रेशन किया है। कागजी कार्रवाई पूरी होने पर सुप्रियो को कृषक बंधु योजना के बढ़ी हुई रकम के तहत 4,000 रुपए साल के और पीएम किसान योजना के 6,000 रुपए मिल सकते हैं।
I am happy to announce that GoWB is relaunching the #KrishakBandhu Scheme by doubling the annual financial support for all farmers & share-croppers.
Farmers will now receive an increased financial support from ₹5,000 to ₹10,000 for one acre or more of cultivable land. (1/2)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) June 17, 2021
बृहस्पतिवार (17 जून) कोलकाता में कृषक बंधु योजना की रिलांचिंग (दोबारा शुरुआत) करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि कृषक बंधु योजना के तहत किसानों को अब 5,000 रुपए की जगह साल में 10,000 रुपए मिलेंगे। कृषक बंधु योजना केंद्र सरकार की पीएम किसान योजना के बेहतर हैं क्योंकि इसमें सभी किसानों को शामिल किया गया है।
कृषक बंधु योजना की शुरुआत ममती बनर्जी ने 2018 में किया था। लेकिन बाद में योजना बंद हो गई थी। पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (The All India Trinamool Congress) पार्टी ने अपने विधानसभा के चुनावी घोषणापत्र में जिन 10 वादों (10 अंगीकार) का जिक्र किया था उसमें कृषक बंधु योजना भी शामिल थी।
योजना की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ये भी बताया कि अभी 22 जिले के 9.78 लाख किसानों के खातों में 290 करोड़ रुपए का फंड जारी कर दिया गया है।
“कृषक बंधु योजना का पैसा बढ़ गया है, इससे किसानों को बहुत फायदा मिलेगा। अभी साल में 5,000 मिलते थे, अब 10,000 रुपए मिलेंगे। यहां किसानों के पास खेत बहुत कम है और गरीबी बहुत है।” सुंदरवन में किसानों के साथ काम करने वाली गैर सरकारी संस्था से जुड़े शमशुल आलम खान फोन पर गांव कनेक्शन को बताते हैं।
शमशुल के मुताबिक उनकी संस्था ‘बाघमारी माता रानी चाइल्ड डेवलमेंट मिशन’ से 3,000 किसान जुड़े हैं, जो किसानों के छोटे-छोटे समूह और किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाकर जैविक खेती और जैविक खाद उत्पादन के साथ उनके बच्चों की शिक्षा के लिए काम करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल पीएम किसान योजना साल 2018 में लॉन्च की गई थी, लेकिन पश्चिम बंगाल इसका हिस्सा नहीं था। जिसे लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच लगातार नोक-झोंक होती रही है। विधानसभा चुनावों में भी ये मुद्दा बना था। पश्चिम बंगाल सरकार चाहती थी कि पीएम किसान योजना का पैसा राज्य सरकार के खाते में दिया जाए, जिसे केंद्र ने ठुकरा दिया था। केंद्र सरकार योजना के मुताबिक पैसा सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजा जाता है। सितंबर 2020 में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि अगर पश्चिम बंगाल सरकार किसानों का डाटा भेजती है तो प्रदेश के 70 लाख किसानों को योजना का लाभ मिलेगा और उनके खातों में साल में करीब 4200 करोड़ रुपए भेजे जाएंगे।
14 मई 2021 को पहली बार पश्चिम बंगाल के किसानों को योजना का लाभ मिला है। 703,955 किसानों के खातों में 2815820000 रुपये भेजे गए। पीएम किसान योजना की 8वीं किस्त किसानों के खातों में भेजने के मौके पर पीएम मोदी ने कहा था कि जैसे-जैसे राज्य सरकार (पश्चिम बंगाल) किसानों के नाम और रिकॉर्ड भेजी जाएगी, किसानों की संख्या बढ़ती जाएगी।” पीएम किसान पोर्टल के ताजा अपडेट के मुताबिक वित्तवर्ष 2021 में पहली किस्त के तहत 2140242 किसानों के खातों में 1407960 करोड़ रुपए भेजे जा चुके हैं।
सुप्रियो कहते हैं, “पश्चिम बंगाल में ज्यादातर किसानों के पास खेत काफी कम है। कमाई का कोई जरिया नहीं है।”
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पश्चिम बंगाल के किसानों के खातों में सीधे रुपए पहुंचाने वाली इन योजनाओं से किसानों के साथ सामाजिक संगठन भी उत्साहित हैं। ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर प्रमुखता से काम करने वाली गैर सरकारी संस्था आईपास डेवलमेंटमेंट फाउंडेशन की प्रोग्राम मैंनेजर अनुश्री बनर्जी ऐसी योजनाओं की तारीफ करती हैं।
“साल के 4,000 और 10,000 रुपए देने का फैसला सरकार का बहुत अच्छा स्टेप है, क्योंकि कोरोना महामारी के बीच ये बहुत खराब समय है। महंगाई सिर चढ़कर बोल रही है। गरीबी बढ़ गई है। लोगों के पास काम का अभाव है। ऐसे में अगर ये पैसा लोगों तक पहुंचता है तो फायदा मिलेगा। उनका खाना, आजीविका, उनका स्वास्थ्य बेहतर होंगे।” अनुश्री बैनर्जी फोन पर कोलकाता से बताती हैं।