मशहूर ब्रिटिश वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का निधन

Sanjay Srivastava | Mar 14, 2018, 16:09 IST
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लंदन। महान भौतिकीविद और ब्रह्मांड विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग (76 वर्ष) का आज कैम्ब्रिज स्थित उनके आवास पर निधन हो गया।

ब्रिटिश वैज्ञानिक हॉकिंस के बच्चों लुसी, रॉबर्ट और टिम ने एक बयान में कहा है, हमें बहुत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि हमारे पिता का आज निधन हो गया। बयान के मुताबिक, वह एक महान वैज्ञानिक और अद्भुत व्यक्ति थे जिनके कार्य और विरासत आने वाले लंबे समय तक जीवित रहेंगे। उनकी बुद्धिमता और हास्य के साथ उनके साहस और दृढ़- प्रतिज्ञा ने पूरी दुनिया में लोगों को प्रेरित किया है। उसमें कहा गया है, उन्होंने एक बार कहा था, अगर आपके प्रियजन ना हों तो ब्रह्मांड वैसा नहीं रहेगा जैसा है। हम उन्हें हमेशा याद करेंगे।

हॉकिंग वर्ष 1963 में मोटर न्यूरॉन बीमारी के शिकार हुए और डॉक्टरों ने कहा कि उनके जीवन के सिर्फ दो साल बचे हैं। लेकिन वह पढ़ने के लिए कैम्ब्रिज चले गये और एल्बर्ट आइंस्टिन के बाद दुनिया के सबसे महान सैद्धांतिक भौतिकीविद बने। दुनिया के सबसे प्रसिद्ध भौतिकीविद और ब्रह्मांड विज्ञानी पर वर्ष 2014 में थ्योरी ऑफ एवरीथिंग नामक फिल्म भी बन चुकी है।

ब्रिटिश मूल के वैज्ञानिक हॉकिंग को ब्लैक होल और रिलेटिविटी के सिद्धांत के लिए अपने महान कार्य के लिए जाना जाता है। वह 'ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम' जैसी कई लोकप्रिय किताबों के लेखक थे। द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, "विज्ञान के आकाश का उज्‍जवल सितारा जिसकी अंतरदृष्टि ने आधुनिक ब्रह्माण्ड विज्ञान और करोड़ों लोगों को प्रेरित किया, उनका कैंब्रिज में अपने घर में निधन हो गया।"

आठ जनवरी 1942 में ऑक्सफोर्ड में जन्मे हॉकिंग को 1963 में मात्र 21 साल की उम्र में मोटर न्यूरॉन रोग हो गया था। चिकित्सकों ने उनके केवल दो साल और जीवित रहने की उम्मीद जताई थी लेकिन हॉकिंग आधे से ज्यादा सदी तक जीवित रहे।

हाकिंग ने चेताया था, मानव नस्ल को खत्म कर सकती है कृत्रिम बुद्धि

नोबल पुरस्कार विजेता व चर्चित ब्रहमांड विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग ने चेताया था कि कृत्रिम बुद्धि विकसित करने और सोचने वाली मशीनें बनाने के प्रयास मानव नस्ल को खत्म कर सकते हैं। ब्लैक होल और सापेक्षिकता पर अपने काम के लिए चर्चित हॉकिंग को अल्बर्ट आइंस्टीन के बाद सर्वश्रेष्ठ सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानियों में से एक माना जाता है।

बीते कुछ वर्षों में, हॉकिंग ने जलवायु परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जनसंख्या बोझ जैसे खतरों के बारे में कई बार चेतावनी दी। हॉकिंग ने वर्ष 2014 में बीबीसी न्यूज से कहा था, पूर्ण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विकास मानव नस्ल को खत्म कर सकता है।

पिछले साल वायर्ड पत्रिका को दिए साक्षात्कार में हॉकिंग ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अंतत: इस स्तर पर पहुंच जाएगा जहां वह वस्तुत: जीवन का नया रूप होगा जो मानवों को पीछे छोड़ देगा।

स्टीफन हॉकिंग को शानदार और असाधारण मस्तिष्क वाला व्यक्ति करार दिया और कहा कि उनके निधन के बाद भी उनकी विरासत को भुलाया नहीं जा सकेगा। हॉकिंग अपनी पीढ़ी के महान वैज्ञानिकों में से एक थे और जिंदगी से ज्यादा से ज्यादा हासिल करने का उनका साहस, विनोद और समर्पण एक प्रेरणा की तरह था।
टेरीजा मे प्रधानमंत्री ब्रिटेन

चीन में लाखों ने दी श्रद्धांजलि

स्टीफन हॉकिंग को चीन में लाखों लोगों ने आज सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी। अपने प्रशंसकों के प्यार को देखते हुए चीन में खासे चर्चित ब्रिटिश वैज्ञानिक ने दो साल पहले वीबो सोशल मीडिया पर अपना अकाउंट खोला था और चीनी तथा अंग्रेजी दोनों में पोस्ट किया। वीबो ट्विटर की तरह का ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म है। अकाउंट खोलने के महज कुछ ही घंटे में उनके दस लाख प्रशंसक उनसे जुड़ गए और अब तक उनकी तादाद पचास लाख हो चुकी है। यहां पर उनके प्रशंसकों ने उन्हें हॉकिंग दादा, अंकल हॉकिंग जैसा उपनाम दिया। उनके निधन की खबर आते ही वीबो पर यह ट्रेंड करने वाला विषय बन गया और दो लाख कमेंट आ गए। Stephen Hawking

इनपुट एजेंसी

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