रंगों से पहचानें कि कौन सा कीटनाशक कितना ख़तरनाक

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लखनऊ। खेती में अधिक उत्पादन के लिए किसान अधिक रसायनों का प्रयोग करते हैं। फसलों के कम पैदावार के कई कारणों में से कीट, बीमारियां और खरपतवार प्रमुख हैं। कीटनाशक के पैकेट के पीछे की तरफ अलग-अलग तरह के रंग छपे होते हैं। यह रंग कीटनाशक रसायन की तेजी के बारे में कई जानकारी देते हैं। इन रंगों से किसान यह पता लगा सकते हैं कि कीटनाशक कितना घातक है।

लाल रंग

यह रंग जहर की तेजी नापने वाले स्केल पर सबसे तेज माना जाता है। जिस कीटनाशक पैकेट के पीछे लाल रंग हो वह सबसे तेज कीटनाशक रसायन की कैटेगरी में शामिल होता है। इस तेजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस जहर की सिर्फ 1.50 मिली ग्राम मात्रा किसी जानवर को प्रति किलो वजन के हिसाब से देने की सलाह दी जाती है।

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पीला रंग

यह रंग जहर की तेजी नापने वाले स्केल पर दूसरे स्तर का खतरा दर्शाते हैं। इसकी कितनी मात्रा का प्रयोग करना चाहिए पैकेट पर लिखा होता है।

नीला रंग

यह मध्यम तेजी को दर्शाने वाला रंग होता है।

हरा रंग

यह सबसे कम तेजी वाले कीटनाशक रसायन होता है। यह सबसे कम तेजी वाला कीटनाशक होते हैं, जितनी कीटनाशकों के प्रयोग की आवश्यकता होती है उतनी ही सावधानी बरतने की जरूरत होती है। यदि इनका सही से इस्तेमाल न किया गया तो यह मनुष्य एवं अन्य जीव-जंतुओं के लिए घातक हो सकते हैं। इसलिए इनका सावधानी पूर्वक इस्तेमाल करना चाहिए।

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