लगातार बढ़ती हुई आबादी और घटते हुए कृषि क्षेत्रफल को देखते हुए कम समय, कम भूमि व कम पानी से अधिक आमदनी लेने के लिए किसान संरक्षित खेती की तरफ रुख कर रहे हैं, इस खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार भी किसानों को अनुदान मुहैया करवा रही है।
इन दिनों शेडनेट हाउस और ग्रीनहाउस/पॉलीहाउस की किसानों के मध्य लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, हमारे देश मे विकसित देशों की तुलना में इसका क्षेत्रफल बहुत कम है। जोकि एक चिंता का विषय है पॉली हाउस/शेडनेट हाउस का उपयोग बे-मौसम फल और सब्जी उत्पादन के लिए किया जाता है। इसका सिद्धांत है कम क्षेत्रफल में अधिक उत्पादन। ये हाईटेक हॉर्टिकल्चर का एक हिस्सा है जो बहुत उपयोगी साबित हो रहा है।
सबसे पहले किसानों को समझना होगा कि पॉलीहाउस या शेडनेट हाउस क्या है और इसमे क्या अंतर है
पॉलीहाउस: फसलों को उगानें के लिए एक विशेष प्रकार की पॉलीथीन या चादर से ढका हुआ घर होता है। इस घर के वातावरण को फसलों अनुकूल कर हर मौसम में विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन किया जाता है। पॉलीहाउस में बाहरी वातावरण का प्रभाव नहीं पड़ता है।
शेडनेट हाउस: शेडनेट हाउस प्लास्टिक की मच्छरदानी का संशोधित रूप है, इसमें खेती करने के लिए उस फसल का चुनाव किया जाता है, जिसे कम सूर्य की रोशनी की ज़रूरत होती है, साथ ही उन फसलों की खेती की जाती है, जो अधिक तापमान पर नहीं हो पाती हैं।
अंतर :- पॉलीहाउस पूरी तरह पॉलीथिन सीट से कवर होता है जबकि शेडनेट हाउस जालीदार होता है।
कैसे ले सकते हैं अनुदान
प्रत्येक लाभार्थी को अधिकतम 4000 वर्गमीटर तक अनुदान देय होगा
ग्रीनहाउस/शेडनेट हाउस का निर्माण अनुबंधित फर्म से ही करवाना होगा
ग्रीनहाउस/शेडनेट हाउस पर बैंक से कर्ज लेने की बाध्यता नहीं रहेगी
किसान को बैंक ऋण की आवश्यकता होने पर सहायक निदेशक/उपनिदेशक उद्यान के स्तर से एलओआई (LOI) जारी की जायेगी बैंक द्वारा ग्रीनहाउस निर्माण लागत में से कृषक हिस्सा की सीमा तक ऋण दिया जाएगा।
ग्रीन/शेडनेट हाउस निर्माण के लिए अनुदान प्रार्थना पत्र के साथ भू-स्वामित्व दस्तावेज (जमाबन्दी), लघु-सीमांत प्रमाणपत्र, मिट्टी पानी की जांच रिपोर्ट और अनुबंधित फर्म का कोटेशन लेकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा, जिसके आधार पर कार्यालय द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति/कार्य आदेश जारी किया जायेगा।
जिला कार्यालय में संबंधित कृषक द्वारा कृषक हिस्सा राशि जमा करवाने के बाद संबंधित फर्म को जिला कार्यालय द्वारा सूचित किया जाएगा। सूचित करने के 10 दिन में निर्माणकर्ता फर्म द्वारा कार्य आदेश जारी होने से पहले कार्य की लागत राशि की नियमानुसार परफार्मेंश गारंटी संबंधित जिला कार्यालय में जमा कराया जाना आवश्यक होगा।
किसान द्वारा ग्रीन/शेडनेट हाउस निर्माण की किसान हिस्सा राशि संबन्धित जिला हॉर्टिकल्चर डवलपमेंट सोसाइटी को जमा करवाई जाएगी।
निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद कृषक द्वारा कार्यालय को दी गई सूचना के 7 दिनों के अंदर भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
ग्रीन/शेडनेट हाउस पर किसान का नाम, स्थापित वर्ष, कुल क्षेत्रफल, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत अनुदानित लिखवाना होगा।
कितना मिलेगा अनुदान
किसानों को इकाई लागत का 50% अनुदान देय है लेकिन लघु, सीमांत, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति किसानों को 20% अनुदान राज्य योजना मद से देय है
अलग-अलग राज्यो में अनुदान अलग अलग हो सकता है
इकाई लागत:-
1. ग्रीन हाउस :-
500 वर्ग मीटर तक – 1060 रुपए प्रति वर्गमीटर
1008 वर्ग मीटर तक 935 रुपए प्रति वर्गमीटर
2080 वर्ग मीटर तक 890 रुपए प्रति वर्गमीटर
4000 वर्ग मीटर तक 844 रुपए प्रति वर्गमीटर
2. शेडनेट हाउस :-
ट्यूबलर संरचना :- 1000 से 4000 वर्गमीटर तक 710 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से अनुदान देय है।
नोट: अधिक और पूरी जानकारी के लिए अपने जिले के उद्यान/कृषि विभाग कार्यालय में संपर्क करें।
(पिन्टू लाल मीना, सरमथुरा, धौलपुर, राजस्थान में सहायक कृषि अधिकारी हैं।)