जिस तरह से जल स्तर घट रहा है किसानों को खेती-बाड़ी के लिए सिंचाई के लिए पानी की जरूरत नहीं पूरी हो पाती है, ऐसे में बारिश के पानी को इकट्ठा करके फिर से सिंचाई के काम लेने के लिए फार्म पॉन्ड योजना की शुरूआत हुई है।
सिंचाई जल के समाधान के लिए वर्षा जल के संचय के लिये कृषि विभाग द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना व राज्य योजना के तहत कच्चा व प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पॉन्ड बना सकते हैं। इसके लिए वर्षा जल का संचय कर फसल उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर जीविकोपार्जन, बंजर भूमि को खेतिहर भूमि बनाने व रबी फसलों में सिंचाई करने में महत्वपूर्ण भूमिका है।
किसान भाई कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी के लिए कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी या कृषि अधिकारी से संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं।
कच्चा व प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पॉन्ड में अनुदान लेने वाले किसान नजदीकी ई मित्र केंद्र पर जाकर राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
इस योजना में 1200 घन मीटर वाले कच्चे फार्म पॉन्ड व प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पॉन्ड निर्माण पर अधिकतम लघु व सीमांत कृषकों को क्रमशः 73,500 व 1,05,000 या लागत का 70 प्रतिशत और अन्य किसानों को क्रमशः 63000 व 90000 या लागत का 60 प्रतिशत जो भी कम हो अनुदान दिया जाता है।
यदि फार्म पॉन्ड का आकार 1200 घन मीटर से कम व न्यूनतम 400 घन मीटर होने पर प्रोरेटा बेसिस पर अनुदान दिया जाता है। 400 घन मीटर से कम आकर वाले फार्म पॉन्ड पर अनुदान देय नही है। वर्ष 2022-23 के लिए अब तक राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन प्राप्त आवेदन पत्रों का पहले आओ – पहले पाओ के आधार पर निस्तारण किया जाएगा। कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी किसान नजदीकी किसान सेवा केंद्र से प्रत्येक गुरुवार को या अन्य कार्य दिवस में कार्यालय जाकर प्राप्त कर सकते हैं।
कच्चा व प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पॉन्ड पर अनुदान के लिए किसान ई मित्र केंद्र के माध्यम से राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करें।
क्या हैं जरूरी दस्तावेज
नवीनतम जमाबंदी (6 माह तक) ई हस्ताक्षरित या पटवारी द्वारा जारी, प्रमाणित नक्शा ट्रेश नवीनतम ( 6 माह तक) ई हस्ताक्षरित या पटवारी द्वारा जारी, प्रमाणित लघु एवं सीमांत प्रमाण पत्र, जन आधार कार्ड, बैंक पासबुक आदि साथ लेकर जाये व राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करें।
‘कृषि विभाग से अनुदान के लिए इस तरह करना होगा फार्म पॉन्ड का निर्माण’
फार्म पॉन्ड पर अनुदान के लिए किसान के द्वारा जिस खसरे में निर्माण किया जाना है उस खसरे में या उसके साथ जुड़े हुए सम्मिलित खसरों में न्यूनतम 0.3 हेक्टेयर जमीन का होना जरूरी होता है।
फार्म पॉन्ड का निर्माण पानी की आवक वाली जगह और आबादी, आम रास्ता व सड़क से 50 फीट दूर किया जावेगा तब ही अनुदान दिया जाता है।
एक किसान अलग अलग खसरों में फार्म पॉन्ड निर्माण करें तो अलग अलग अनुदान देय है लेकिन एक खसरे में एक बार ही अनुदान दिया जाता है।
कच्चे व प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पॉन्ड का निर्माण किस तरह किया जाना है
कृषि विभाग द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति उपरांत फार्म पॉन्ड का निर्माण किसान के द्वारा स्वयं के खर्चे पर मजदूर, ट्रैक्टर या जेसीबी के द्वारा करवाया जाएगा, जिसमे लंबाई व चौड़ाई में ऊपरी हिस्सा 24.5 मीटर व निचली सतह 15.5 मीटर तथा गहराई 3 मीटर रहेगी।
फार्म पॉन्ड की ऊपरी सतह से एक मीटर जगह छोड़कर एक मीटर की ऊंचाई में मेड़बंदी करें।
फार्म पॉन्ड के चारों तरफ जालीदार तारों से तारबंदी की जाएगी ताकि बच्चों व आवारा पशुओं को गहरे गड्ढे में गिरने से बचाया जा सके।
प्लास्टिक लाइनिंग वाले फार्म पॉन्ड में उक्त निर्माण उपरांत कृषि विभाग द्वारा पंजीकृत ब्रांड की न्यूनतम 300 माइक्रोन की प्लास्टिक शीट को स्थापित किया जाना आवश्यक होगा।
किसे नहीं मिलेगा इस योजना का लाभ
फार्म पॉन्ड की लंबाई चौड़ाई खेत के आकार के अनुसार निर्धारित की जा सकती है, लेकिन इसकी गहराई 3 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए। पथरीले क्षेत्र जहां खुदाई संभव नहीं है वहां उपनिदेशक कृषि की अध्यक्षता में गठित कमेटी के आधार पर 2 मीटर गहराई पर भी अनुदान देय है।
किसी भी ट्रस्ट/सोसाइटी/स्कूल/कॉलेज/मंदिर/धार्मिक संस्थान आदि को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। फार्म पॉन्ड का निर्माण घनी आबादी और सड़क के किनारे से कम से कम 50 फीट की दूरी पर होना चाहिए, जिसमे बोर्ड पर लाल स्याही से सावधान आगे गहरा गड्ढा है इस तरह से अंकित होना चाहिए।
इस तरह कार्य विभागीय दिशा-निर्देशानुसार कृषकों द्वारा पूर्ण करने पर कृषि विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा भौतिक सत्यापन, जांच के बाद सम्बंधित कृषको को उनके जन आधार कार्ड में जुड़े बैंक खातों में अनुदान राशि का भुगतान किया जाएगा।
किसान इस योजना के साथ ही कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी के लिए कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी या कृषि अधिकारी से संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं।
(पिन्टू लाल मीना, सरमथुरा, धौलपुर, राजस्थान में सहायक कृषि अधिकारी हैं।)