सब्जी कूलर ने बदली किसानों की जिंदगी, किफायती कोल्ड स्टोरेज में कई दिनों तक नहीं खराब होती सब्जियां

आईआईटी मुंबई के छात्रों के इस अनोखे स्टार्टअप से उड़ीसा के सैकड़ों किसानों को फायदा हुआ है, सब्जी कूलर में कई दिनों तक सब्जियां नहीं खराब होती हैं। इस चलाने के लिए बिजली की भी जरूरत नहीं पड़ती।
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किसानों को अपनी उपज के रख-रखाव और भण्डारण को लेकर तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कई मामलो में तो किसानों को भण्डारण की कमी के कारण आर्थिक नुकसान भी होता है। किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए इंजीनियरिंग के पूर्व छात्रों ने एक अनोखा सब्जी कूलर बनाया गया है।

आईआईटी मुम्बई के पूर्व छात्रों ने किसानों की आय बढ़ाने वाला बेहद किफायती और बिना बिजली के चलने वाला सब्जी कूलर ईजाद किया है। इसकी मदद से किसान सप्ताह भर से अधिक अपनी सब्जियों को ताज़ा रख सकते हैं। पेशे से इंजीनियर विकास झा, सरयू कुलकर्णी और गुनवंत नेहटे एग्रीटेक स्टार्टअप के ज़रिए किसानों की आय बढाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसी प्रयास से उन्होनें जल्द खराब होने वाली हरी सब्जियों के नुकसान से किसानों को बचाने के लिए सब्जी कूलर बनाया।

ठाणे के रूकार्ट टेक्नोलॉजी ने इसका डिज़ाइन तैयार किया है। द सब्जी कूलर, किसानों को चार से छह दिन के लिए खेत की उपज बेचने में मदद करता है। इस सब्जी कूलर की वजह से किसान अपनी फ़सल औने-पौने दाम पर बेचने से बच जाते हैं और उन्हें नुकसान नहीं होता। इस अनूठी मुहीम से किसान लगातार जुड़ रहे हैं।

विकास झा, शरयु कुलकर्णी और गुनवंत नेहटे

कोविड-19 में वरदान साबित हुआ सब्जी कूलर

कोरोनावायरस महामारी के दौरान लॉकडाउन में सब्जियों को बचाना किसानों के सामने एक बड़ी चुनौती थी। इसकी वजह से किसानों को आर्थिक नुकसान होने लगा था।

रबी की फसलों के जल्द ही कटने के बाद, बहुत से किसानों को खेत में काम करना मुश्किल हो गया। कृषि उपज, कृषि उपज की आपूर्ति श्रृंखला में गंभीर व्यवधान और स्थानीय मंडियों, बाजारों, और परिवहन सुविधाओं के बंद होने जैसे मुद्दों के साथ तालाबंदी के दौरान सबसे बुरी तरह से किसान ही परेशान हुआ। ऐसे समय में सब्जी कूलर किसानों के लिए वरदान साबित हुआ और किसानों ने इसके उपयोग से सब्जियों को नष्ट होने से बचा लिया।

सब्जी कूलर के उपयोग पर प्रशिक्षण लेते किसान

कालेज के बाद गांवों का भ्रमण करते थे तब आया ख्याल

गुनवंत नेहटे का कहना है कि एग्रीटेक स्टार्टअप का लक्ष्य छोटे आकार की खेती को आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ बनाना है। ये सस्ती, आवर्ती, लागत-मुक्त, मजबूत और स्केलेबल उत्पादों का प्रसार करता है ताकि इनपुट लागत को कम किया जा सके और खेती में जोखिम को कम किया जा सके।

“हम अपने पाठ्यक्रम के एक हिस्से के रूप में गांवों का दौरा करते थे। हमें एहसास हुआ कि किसान अपनी उपज की बिक्री से उतना नहीं कमा पा रहे हैं, और हम उस समस्या का हल ढूंढना चाहते थे। हम सभी दोस्तों ने मिलकर सब्जी कूलर के कांसेप्ट पर काम किया, “रुकार्ट के सह-संस्थापक विकास झा ने बताया।

सब्जी कूलर का निर्माण कार्य

वाष्पीकरण शीतलन सिद्धांत पर करता है काम

विकास के अनुसार, सब्जी कूलर वाष्पीकरणीय शीतलन के सिद्धांत पर काम करता है। हालांकि, इसे दिन में कम से कम एक बार पानी की आवश्यकता होती है। मिट्टी के एक बर्तन के रूप में काम करने के लिए निर्मित इस ऑन-फार्म संरचना, में बिजली की आवश्यकता नहीं है। किसान की आवश्यकता के आधार पर, सब्जी कूलर विभिन्न आकारों में आता है। “सब्जी कूलर के एडॉप्टर को अन्य किसानों की तुलना में उनके माल के लिए लगभग 30 प्रतिशत अधिक कीमत मिल रही है,” विकास ने बताया। “पहले, एक किसान ने इस्तेमाल किया। साप्ताहिक बाजार से एक सप्ताह पहले वह केवल एक बार सब्जी काटता था क्योंकि उसके पास भंडारण की कोई सुविधा नहीं थी। लेकिन इसकी मदद से तापमान परिवेश के तापमान से 5-20 डिग्री सेल्सियस के अंतर से कम हो जाता है। और 90-95 प्रतिशत की ह्यूमिडिटी पर बनाए रखा गया है। चैम्बर के अंदर कम तापमान और ज़्यादा ह्यूमिडिटी, फसल और गैर-कंद वाली फसलों को कम से कम चार से छह दिन के लिए स्टोर करने में मदद करती है।

ओडिशा में 100 से ज़्यादा सब्जी कूलर लगाए गए

फ़िलहाल, रूकार्ट टेक्नोलॉजी ने ओडिशा के सुंदरगढ़ में सब्जी कूलर लगाया है। सुंदरगढ़ जिला प्रशासन ने स्थानीय एनजीओ और रूकार्ट के साथ मिलकर बालिशंकरा, कुआरमुंडा और टांगरपाली ब्लॉकों में 50 से अधिक सब्जी कूलर लगवाए हैं। वही रायगड़ा ज़िले में भी सब्जी कूलर लगाया जा रहा है।

सब्जी कूलर का उपयोग करते किसान

2021 में 50 जिलों में करेंगें शुरुआत

हालांकि रूकार्ट टेक्नोलॉजी ने इसकी कीमत नहीं नहीं बताई है, किसान कम कीमत पर सब्जी कूलर का लाभ उठा सकते हैं, और किश्तों में भुगतान करने का विकल्प भी है। साल 2021 में टीम की आठ राज्यों में करीब 50 जिलों को कवर करने की योजना है। इस सब्जी कूलर के माध्यम से छोटे और मंझौले किसानों को फ़ायदा होगा जिनके पास कम ज़मीन है और जो बड़े कोल्ड स्टोरेज में उत्पाद रखने के खर्च को वहन नहीं कर सकते। 

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