अंडे ने सर्दियों में गर्म कर दी मुर्गी पालकों की जेब

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सर्दियां शुरू होते ही अंडे के दाम में बढ़ोत्तरी हो जाती है लेकिन इस बार अंडे के दाम दोगुने हुए है, जिससे मुर्गी पालकों को काफी लाभ हुआ है।

“पिछले वर्ष इसी समय पर फार्म से अंडा 400 रुपए सैकड़ा बिकता था, लेकिन इस साल 580 रुपए सैकड़ा के आसपास बिक/उठ रहा है, जिससे किसानों को प्रति अंडा 2.8 रुपए मुनाफा हो रहा है। जबकि पिछले साल किसानों को प्रति अंडा लगभग 1.5 रुपए का ही मुनाफा हो रहा था।” ऐसा बताते हैं, रामाकांत तिवारी (30 वर्ष)।

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रमाकांत बांदा जिले के बबेरू तहसील में पिछले कई वर्षों से मुर्गी पालन कर रहे है। रमाकांत बताते हैं, “इस बार पहली बार ऐसा हुआ है कि अंडा चिकन से ज्यादा मंहगा मिल रहा है। अंडे की डिमांड सर्दियों में ज्यादा होती है और कम संख्या में मिल पा रहा है तो रेट भी ज्यादा हो गए है।”

देश में अंडों की सप्लाई पुणे, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश से होती है। पूरे भारत में इस समय सबसे महंगा अंडा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बिक रहा है। यहां 100 अंडे की कीमत 550 रुपए है (एनईसीसी-राष्ट्रीय अंडा समन्वय समिति के अनुसार) इसमें अगर अन्य खर्चों को जोड़ दिया जाए तो एक अंडे की कीमत 6.5 से 7.5 हो जाती है।

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उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग, पोल्ट्री के संयुक्त निदेशक डॉ. वी के सचान बताते हैं, ” सर्दियों में अंडे की कीमतें बढ़ी हैं। जो किसान फार्म से सीधे अंडा बेच रहा है उसको तो लाभ हो रहा है लेकिन जो किसान बिचौलियों के जरिए बेच रहा है उनको कम फायदा होगा उसमें थोक और फुटकर विक्रेता अपना फायदा देखते है। अभी अंडे की मांग में बढ़ोत्तरी होगी। इसके अलावा पॉल्ट्री प्रोडक्शन के लिए मक्का सबसे जरूरी है। मक्के की कीमत बढ़ने का असर भी अंडों की कीमत पर पड़ा है।”

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पोल्ट्री में दवाईयों पर काम करने वाली कंपनी रिजेन बायोकार्प के क्षेत्रीय प्रबधंक प्रशांत पांडेय बताते हैं, इस साल अंडे की कीमत बढ़ने से जो लेयर्स फार्मर के किसान, हैचरी और ब्रीडर है उनको फायदा मिला है। लेकिन जो ब्रायलर किसान है वो इस साल घाटे में है क्योंकि उनके प्रति पक्षी पर जितनी लागत आती है उतना उत्पादन नहीं हो पा रहा है।”

वहीं नेशनल एग कॉर्डिनेशन कमेटी (NECC) के कार्यकारी सदस्य राजू भोसले का कहना हैं, सब्जियां महंगी होने की वजह से भी लोगों ने ज्यादा अंडे खाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा कर्नाटक और तमिलनाडु में सूखे का भी असर अंडे के दाम पर पड़ा है। उनका कहना हैं कि “सूखे की वजह से मक्के की कीमतें रिकॉर्ड 1900 प्रति कुंतल के स्तर पर चली गईं। गौरतलब है कि मक्का पोल्ट्री उत्पादन का सबसे जरूरी चीज है। इसका इस्तेमाल मुर्गियों के भोजन के रूप में किया जाता है। कीमत बढ़ने से किसानों ने वक्त से पहले ही मुर्गियों को बेचना शुरू कर दिया इसकी वजह से अंडे का प्रोड्क्शन कम हो गया, और इसका असर कीमतों पर पड़ा।”

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उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन ढ़ेड करोड़ अंडे की खपत है जबकि अभी सिर्फ 35-40 लाख यूपी में उत्पादन हो रहा है। बलरामपुर जिले के उतरौला तहसील के मसीहाबाद गाँव में रहने वाले अली अकबर पिछले आठ वर्षों से लेयर फार्मिग कर रहे है। उनके पास 30 हजार से ज्यादा पक्षी है, जिनसे प्रतिदिन 50 हजार अंडे का उत्पादन हो रहा है। अली अकबर बताते हैं, “पिछले साल की बात करें तो न मुनाफा हुआ था और न बहुत ज्यादा घाटा। इस बार मार्केट में अच्छे दामों पर बिक रहा है तो हम लोगों को भी मुनाफा हो रहा है।

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अपनी बात को जारी रखते हुए अली अकबर बताते हैं, सर्दियों का ही मौसम होता है,जिसमें लेयर फार्मर को मुनाफा मिलता है क्योंकि गर्मियों में हमें अंडे को औने- पौने दामों पर बेचना पड़ता है। जिन लेयर फार्मरों को नुकसान हो रहा है वो रिटेलर की वजह से होता है। अभी रेट ठीक मिल रहा था लेकिन फिर से रेट घटने लगे है।”

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