'चलिए एक बार शिक्षकों की उपलब्धियों की बात करते हैं'
गाँव कनेक्शन ने देश के अलग-अलग राज्यों से शिक्षकों की कहानियाँ आप तक पहुँचाने के लिए एक नई मुहिम 'टीचर कनेक्शन' की शुरुआत की है, आज इसके एक साल पूरे हो गए। इस मौके पर सुनिए गाँव कनेक्शन के फाउंडर नीलेश मिसरा का ये खास संदेश ..
गाँव कनेक्शन 3 Jan 2024 12:52 PM GMT
एक वक़्त था जब भारत में टीचर, अध्यापक, अध्यापिकाओं का एक अलग ही स्थान होता था। हम सबने उनके क़िस्से सुने हैं, अपने माँ-बाप से उनके टीचरों के क़िस्से कि कैसे टीचर समाज की एक धुरी होते थे। वो अपने क्लास को, अपने गाँव को बाँध के चलते थे, थाम के चलते थे।
टीचर का जो दर्ज़ा था वो डॉक्टर के समकक्ष था। लेकिन धीरे-धीरे ये कम होने लगा। ये क्यों हुआ इसके कई कारण हैं, शायद समाज ने शिक्षा को एक अलग तरह से देखना शुरू किया, शायद शिक्षकों ने अपने कद अपनी ज़िम्मेदारियों के हिसाब से कई बार नहीं बीड़ा उठाया, और शायद छात्रों-छात्राओं ने उतनी मेहनत नहीं की, उतनी इज्ज़त नहीं की अपने अध्यापक-अध्यापिकाओं की; कुल मिलाकर ये हुआ की वो दर्ज़ा कम होने लगा।
लेकिन साथ-साथ हज़ारों लाखों टीचर बने रहे, आज भी हैं जो उसी पुरानी निष्ठा, उसी पुराने समर्पण के साथ बच्चों को पढ़ाते हैं उसी तरह से जैसे उनके अपने माँ-बाप के टीचर गाँव में कभी पुराने वक़्त में पढ़ाते होंगे।
#TeacherConnection तीन जनवरी, 2023 को पहली शिक्षिका और समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले के जन्म दिवस के मौके पर एक छोटी सी शुरुआत की थी, एक साल में ये कारवाँ और आगे बढ़ा और आज हज़ारों की संख्या में सुदूर क्षेत्रों के शिक्षक इस मुहिम से जुड़ गए हैं।https://t.co/9mBEEW9INq
— GaonConnection (@GaonConnection) January 3, 2024
बस परिवेश बदल गया है, शायद गाँव का ठिकाना बदल गया होगा; लेकिन वो जज़्बा नहीं बदला हैं। उस जज़्बे को कैसे हम बचाएँ रखे, ज़िंदा रखे। इसके लिए गाँव कनेक्शन ने शुरू किया है टीचर कनेक्शन एक नया कैंपेन, एक लॉन्ग टर्म कैंपेन; जिसमें हम लगातार टीचरों की बात करेंगे, जो उनकी अदृश्य उपलब्धियाँ हैं, जो कभी सुर्खिया नहीं बनते उनकी बातें करेंगे।
उन टीचरों को उनकी बाते सुनेंगे, जो ऐसी छोटी बड़ी बाते करते हैं। हर रोज़ अपने क्लासरूम में ऐसी छोटी बड़ी जीत हासिल करते हैं; जो अख़बारों में नहीं आती, लेकिन किसी न किसी बच्चे की ज़िन्दगी बदल देती हैं। क्योंकि आप मैं हम सब जो नागरिक हैं हम सब को उसी शिक्षा में बंधे हुए समाज को थाम के चलना है उसकी ओर वापस जाना है।
इसलिए इस सफर पर हमारे साथ जुड़िए, क्योंकि आप और हम, हम सबको बनाये रखना है अपना टीचर कनेक्शन, ठीक वैसे ही जैसे आप ओर हम बनाए रखते हैं, अपना गाँव कनेक्शन; सुनिए गाँव की आवाज़ बनिए गाँव की आवाज़, जुड़े रहिए गाँव कनेक्शन से।
शिक्षकों की कहानियाँ देखने के लिए सब्सक्राइब करिए टीचर कनेक्शन का ख़ास यूट्यूब चैनल
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