वाराणसी। उत्तर प्रदेश में खेती की तरक्की के लिए जरूरी कृषि यंत्रो के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने बीस ज़िलों में ‘सामुदायिक कृषि यंत्र केंद्र’ खोलने की योजना बनाई है।
वाराणसी ज़िले में बुधवार 16 दिसम्बर को राज्य परती भूमि विकास विभाग द्वारा आयोजित समेंकित जलसंचय प्रबन्धन कार्यक्रम के अन्तर्गत जल संरक्षण जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के सिचाई एवं जल संसाधन मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कार्यक्रम को संबोधित किया।
इस अवसर पर उन्होनें प्रदेश के अम्बेडकर नगर, अमेठी, सुलतानपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, बस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, बलिया, मऊ, आजमगढ़, मिर्जापुर, सोनभद्र, संत रविदास नगर, गाजीपुर, जौनपुर, चन्दौली, वाराणसी सहित 20 जनपदों में सामुदायिक कृषि यंत्र केन्द्र खोले जाने की घोषणा की। साथ ही उन्होनें पांच संचेतक वाहन को हरी झण्डी दिखकर रवाना किया। ये वाहन गाँव-गाँव जाकर किसानों कृषि के प्रति जागरूक करेंगे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि देश का किसान खुशहाल होना चाहिये, जबकि वह गरीबी में है।देश का 75 फीसदी किसान खेती पर निर्भर है। प्रदेश में कृषि कार्य हेतु पानी की कोई कमी नही है। नदियो एवं वर्षा से प्राप्त जल का संचय व्यवस्थित तरीके से किया जाय, तो किसानों को पानी की कोई तकलीफ न हो। किसान बहुत मेहनती है और उन्हें अपने बेटे-बेटियों को पढ़ाना भी होगा। इसलिये प्रदेश सरकार ने किसानों को मुफ्त सिंचाई की व्यवस्था की है और कई बन्द पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पुर्नजीवित किया गया है।
उन्होनें आगे कहा कि आगामी दो वर्ष में विभाग ऐसा कार्य करेगा, कि कही भी पानी की कोई कमी नही रह जायेगी। वर्तमान सरकार द्वारा 3000 नये ट्यूबवेंल लगाये गये है और पूरें प्रदेश 32000 ट्यूबवेंल क्रियाशील है।
उन्होने बताया कि जल संचयन हेतु प्रदेश के सभी मण्डलों के कुल 242 ग्रामों को आदर्श ग्राम के रूप में चयनित किया गया है। इस मौके पर राजकुमार प्रजापति आजमगढ़, परितोष कुमार पाण्डेय मऊ, सन्तोष कुमार सिंह वाराणसी, अजीत कुमार सिह गाजीपुर और कुलदीप सिंह झांसी सहित 24 लोगो को निःशुल्क टैबलेट तथा 215 स्वयं सहायता समूहो के लाभार्थियों को चेक वितरित किया। कार्यक्रम में उन्होनें ‘‘जलदा’’ नामक पत्रिका का विमोचन भी किया।