नई दिल्ली (भाषा)। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों में केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों और राज्य मंत्रियों की तस्वीरों के छापने की मंज़ूरी दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, “हम अपने आदेश में सुधार करना चाहते हैं अब सरकारी विज्ञापन में राज्यपाल, मुख्यमंत्री के अलावा केंद्र और राज्य के संबंधित मंत्रियों की तस्वीर भी लगाई जा सकती है।” आम आदमी पार्टी ने तस्वीरों के छापने की अनुमति देने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने अपने साल 2015 के फैसले में सरकारी विज्ञापनों में नेताओं की तस्वीर के इस्तेमाल पर पाबन्दी लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश के खिलाफ 5 राज्यों – उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और असम ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। इन राज्यों की याचिका का केंद्र सरकार ने भी समर्थन किया था। पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से दलील देते हुए अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ये तय नहीं कर सकता कि सरकारी विज्ञापनों में फोटो किसकी हो। ये काम संसद का है। संसद इसके लिए बजट देता है और वो फंड रोक भी सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने उस मामले में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि सरकारी विज्ञापनों में सिर्फ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का ही फोटोग्राफ हो सकता है।