संकट में फंसे हर किसान को मिले फसल बीमा का लाभ: मोदी

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लखनऊ। वर्ष 2016 का पहला और पीएम के रूप में मन की बात के 16वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दिये खादी का आज के युवाओं में जबरदस्त क्रेज हो गया है। इतना ही नहीं, खादी में करोड़ों लोगों को रोजगार देने की भी ताकत है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”हमारे देश में किसानों के नाम पर बहुत कुछ बोला जाता है, बहुत कुछ कहा जाता है खैर मैं उस विवाद में उलझना नहीं चाहता हूं लेकिन किसान का एक सबसे बड़ा संकट प्राकृतिक आपदा है। उसमें उसकी पूरी मेहनत पानी में चली जाती है। उसका साल बर्बाद हो जाता है। किसानों को सुरक्षा देने का एक ही उपाय अभी ध्यान में आता है और वह फसल बीमा योजना है। 2016 में भारत सरकार ने एक बहुत बड़ा तोहफा किसानों को दिया है वह है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना।” 

मोदी ने कहा, ”इस योजना की तारीफ हो, वाहवाही हो, प्रधानमंत्री को बधाइयां मिलें, यह इसके लिये नहीं है। हमारा प्रयास है कि संकट में पड़े किसान को इसका भरपूर फायदा मिले। इतने सालों से फसल बीमा की चर्चा हो रही है, लेकिन देश के 20-25 प्रतिशत से ज्यादा किसान उसके लाभार्थी नहीं बन पाए हैं, उससे जुड़ नहीं पाए हैं। क्या हम संकल्प कर सकते हैं कि आने वाले एक-दो साल में हम कम से कम देश के 50 प्रतिशत किसानों को फसल बीमा से जोड़ सकें।” उन्होंने कहा कि हम सब एक साथ चलें, हम सब एक स्वर में बोलें और हमारे मन एक हों, यही राष्ट्र की सच्ची ताकत है।

पीएम ने कहा कि सरदार पटेल कहते थे कि हिंदुस्तान की अंहिसा और आजादी खादी में है। इसलिए देशवासी अपने कपड़ों में एक जोड़ी खादी का कपड़ा जरूर रखें। महात्मा गांधी भी टेक्नोलॉजी के अपग्रेडेशन के लिए तैयार थे। रेलवे समेत कई मिनिस्ट्री ने खादी को बढ़ावा देने के लिए इनिसियेटिव लिए हैं। आजकल युवाओं में भी खादी का क्रेज काफी बढ़ गया है। आकाशवाणी पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने बालिकाओं को बचाने के बारे में जागरूकता फैलाने एवं स्टार्ट अप कार्यक्रम का भी जिक्र किया। उन्होंने फरवरी माह में विशाखापत्तनम में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू के संबंध में बताया कि  यह गर्व की बात है कि 4 से 8 फरवरी तक भारत इसकी मेजबानी कर रहा है। पूरा विश्व हमारे यहां मेहमान बन कर आ रहा है और हमारी नौसेना इस मेजबानी के लिए पूरे जोश से तैयारी कर रही है। दुनिया के कई देशों के युद्धपोत, नौसेना के जहाज आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के समुद्री तट पर इकट्ठे हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सीमायें हमें अलग करती होंगी, जमीन हमें अलग करती होगी, लेकिन जल हमें जोड़ता है, समुद्र हमें जोड़ता है। समंदर से हम अपने आप को जोड़ सकते हैं, किसी से भी जोड़ सकते हैं। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर राजघाट जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शहीदों को नमन करने का यह प्रतिवर्ष होने वाला कार्यक्रम है। यह स्वभाव बनना चाहिए, इसे हमें अपनी राष्ट्रीय जिम्मेदारी समझना चाहिए और यही बातें हैं जो देश के लिये हमें जीने की प्रेरणा देती हैं। हर वर्ष 30 जनवरी ठीक 11 बजे सवा सौ करोड़ देशवासी दो मिनट के लिये मौन रखें। आप कल्पना कर सकते हैं कि इस घटना में कितनी बड़ी ताकत होगी। आने वाले दिनों में होने वाली दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि इनमें सफल होने वाले विद्यार्थी इस बारे में अनुभव मेरे साथ साझा करें कि परीक्षा के दिन उन्होंने तनावमुक्त होकर कैसे गुजारे हैं, परिवार में क्या माहौल बनाए गुरुजनों ने, शिक्षकों ने क्या सहयोग किया, स्वयं ने क्या प्रयास किये, सीनियर लोगों ने उनको क्या बताया और क्या किया। 

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