सामुदायिक विकास पर यूपी और टाटा ट्रस्ट मिलकर करेंगे काम

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में सामुदायिक विकास से जुड़े कार्यों में राज्य सरकार और टाटा ट्रस्ट्स के मिलकर काम करेंगे। 

राज्य सरकार और टाटा ट्रस्ट्स के बीच बहुउद्देशीय ‘मेमोरेण्डम ऑफ अण्डरस्टैण्डिंग’ (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत शिक्षा और स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में सामुदायिक विकास से जुड़े कार्यों में प्रदेश सरकार और टाटा ट्रस्ट्स लम्बे समय तक भागीदारी निभाएंगे। इस मौके पर टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन रतन टाटा भी मौजूद थे। राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव आलोक रंजन और टाटा ट्रस्ट्स की तरफ से एक्ज़ीक्यूटिव ट्रस्टी आर वेंकट रमन ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। 

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सड़क, बिजली सहित अवस्थापना सुविधाओं और शिक्षा व स्वास्थ्य का अच्छा इंतजाम होने पर कोई भी प्रदेश विकास की नई मंजिलें तय करने लगता है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य की स्थिति बेहतर होने से ही इन सेक्टरों में देश के आंकड़े भी ठीक होंगे। 

उद्योगपति रतन टाटा ने अपने सम्बोधन में कहा कि यूपी की खूबियों और क्षमताओं को कमतर आंका जाता है। सच तो यह है कि उत्तर प्रदेश एक उत्कृष्ट राज्य है, जहां वर्तमान में महत्वपूर्ण कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में उत्तर प्रदेश अनेक क्षेत्रों में देश का अग्रणी राज्य बन जाएगा। पोषण के क्षेत्र में टाटा ट्रस्ट्स द्वारा इस उद्देश्य से सहयोग किया जाएगा ताकि आने वाले वर्षों में एक स्वस्थ और मजबूत मानव संसाधन का आधार मिल सके।

पोषण मिशन, कौशल विकास मिशन, लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना, किसानों के बैंक खातों में अनुदान राशि का हस्तांतरण जैसी योजनाओं में प्रदेश सरकार और टाटा ट्रस्ट्स मिलकर काम करेंगे। टाटा ट्रस्ट्स सामुदायिक विकास के जिन क्षेत्रों में सक्रिय है। इन कार्यों के सुचारु संचालन एवं प्रभावी ढंग से करने के लिए एक संयुक्त राज्य स्तरीय कमेटी गठित की गई है। 

टाटा ट्रस्ट के एक्ज़ीक्यूटिव ट्रस्टी आर वेंकट रमन ने कहा कि ट्रस्ट्स के लिए उत्तर प्रदेश से जुड़ाव अत्यन्त महत्वपूर्ण है। शिक्षा, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, सौर ऊर्जा आदि तमाम क्षेत्रों में टाटा ट्रस्ट्स राज्य सरकार के साथ मिलकर कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट्स द्वारा प्रदेश के 10 जिलों में डबल फोर्टीफाइड नमक वितरण का कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। इस तरह का कार्यक्रम देश में पहली बार उत्तर प्रदेश से प्रारम्भ होगा। 

इसके आलावा ऑफ ग्रिड सौर ऊर्जा तथा सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली का विकास तथा सोलर वाटर लिफ्टिंग पम्प्स की स्थापना का कार्य भी किया जाएगा। साथ ही, हाईटेक प्लाण्ट नर्सरी, हार्टीकल्चर के क्षेत्र में उन्नत तकनीक एवं प्रजातियों का समावेश, एग्रो फॉरेस्ट्री जैविक खेती तथा कृषि उपज में बढ़ोत्तरी के लिए भी उचित प्रयास किए जाएंगे। 

फसलों का सुरक्षित भण्डारण, कृषि विपणन, लघु सिंचाई प्रणाली को प्रोत्साहन, उन्नत प्रजातियों के बीजों के विकास सहित दूध, मैंथा, लहसुन, प्याज मक्का, दालों, केला, आलू आदि के लिए वैल्यू चेन का विकास भी किया जाएगा।

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