लखनऊ। प्रदेश में राशन की कालाबाज़ारी रोकने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग ने खास रणनीति बनाई है। अब विभाग लाभार्थियों को सीधे फोन करके पूछेगा कि उन्हें कोटे से राशन मिला है या नहीं। खाद्य सुरक्षा योजना के तहत चयनित पांच लाख से ज्यादा लाभार्थियों को मिलने वाले राशन पर नजर रखने के साथ-साथ सरकार कोटेदारों को मिलने वाले राशन का भी हिसाब किताब रखेगी।
रैंडम आधार पर क्षेत्रीय पूर्ति कार्यालय फोन कॉल कर राशन वितरण का सत्यापन करेगी। इस दौरान राशन वितरण में अगर कोई खामी मिलती है तो कोटेदार का लाइसेंस तुरंत रद्द कर दिया जाएगा।
एक मार्च से खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होना है। प्रशासन पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम को समय से लागू करने का दबाव है। जिले में अभी भी तीन लाख अस्थाई राशन कार्डों का वितरण होना है।
खाद्य सुरक्षा योजना में फिलहाल कुल 9 लाख 56 हज़ार 911 राशन कार्ड धारकों में से चुने हुए 5 लाख 7 हज़ार 488 अन्त्योदय, बीपीएल और अतिरिक्त एपीएल कार्डधारकों को सस्ती दर पर गेहूं और चावल दिया जाना है।
खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 9 लाख 56 हज़ार 911 राशन कार्डधारकों में से शहरी क्षेत्र के 65 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्र के 80 फीसदी कार्डधारकों को राशन की दुकानों से दो रुपए की दर से 10 किलो गेहूं और तीन रुपए की दर से 25 किलो चावल बांटा जाएगा। शहरी क्षेत्र में 2 लाख 82 हज़ार 555 और ग्रामीण क्षेत्र में 2 लाख 24 हज़ार 933 कार्डधारक परिवार योजना के दायरे में लाए गए हैं।
खाद्य सुरक्षा एडीएम आपूर्ति अनिल कुमार सिंह ने बताया कि राशन वितरण व्यवस्था पर नजर रखने के लिए क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षकों की अगुवाई में तीन सदस्यीय टीम बनाई जाएगी। यह टीम राशन वितरण वाले दिन लाभार्थियों के संपर्क में रहेगी।