लखनऊ। एक स्कूल ने नकल रोकने के पूरे प्रयास किए। गुंडई करने वाले और पुलिस को बंधक बनाने वाले परीक्षार्थियों का उपद्रव झेला। लेकिन इस वर्ष दागी करार देकर परीक्षा केन्द्र की सूची से बाहर कर दिया गया। जबकि राजधानी के बाकी दागी रहे कई स्कूलों को परीक्षा केन्द्र बना दिया गया।
वर्ष 2015 की यूपी बोर्ड की परीक्षाओं के दौरान जिस समय गड़बड़ियों के आरोप में लखनऊ के महावीर इंटर कॉलेज को दागी करार देते हुए संयुक्त शिक्षा निदेशक सुत्ता सिंह ने प्रतिकूल जांच आख्या दी, उस समय कॉलेज शिक्षा विभाग की टीम के संचालन में था। क्योंकि कॉलेज ने खुद ही डीएम लखनऊ, एसएसपी व अन्य अधिकारियों को पत्र लिख गुरु गोविन्द सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ के छात्रों द्वारा की जा रही गड़बड़ी की शिकायत की थी।
केन्द्र व्यवस्थापक और संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा छात्रों के नकल करते हुए पकडऩे पर स्पोर्ट्स कॉलेज के छात्रों के द्वारा बवाल के बाद तत्कालीन डीआईओएस पीसी यादव ने नकल के लिए परीक्षा केन्द्र की भूमिका को सिरे से खारिज भी किया था। साथ ही, परीक्षा के दौरान अन्य अधिकारियों ने भी परीक्षा संतोषजनक होने की रिपोर्ट हर रोज दी थी।
उधर, संयुक्त सचिव सुत्ता सिंह ने भी माना था कि नकल सामग्री परीक्षार्थियों के पास नहीं मिलने से केन्द्र के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि मंडलीय समिति को सौंपी गई उनकी रिपोर्ट में स्कूल की नकल कराने में संलिप्तता बताई गई है।
”हमने पूरी कोशिश की परीक्षा सही से हो। छात्रों द्वारा हंगामे के बाद अधिकारियों को इससे अवगत भी कराया, इसके बाद शिक्षा विभाग की एक टीम परीक्षा के दौरान मौजूद रहती थी। जो नकल सामग्री मिलने का आरोप लगाया गया है, सही नहीं है।” सुषमा शुक्ला, प्रबंधक महावीर इंटर कॉलेज ने बताया, ”जिस दौरान संयुक्त शिक्षा निदेशक विद्यालय में चेकिंग को आईं उस समय केन्द्र पर शिक्षा विभाग का दस्ता मौजूद था, और परीक्षा उनके निर्देशन में हो रही थी। ऐसे में कॉलेज नकल कराने में कैसे शामिल हो सकता है।”
महावीर इंटर कॉलेज को जिलास्तरीय समिति ने इस वर्ष परीक्षा केन्द्र बनाया था, लेकिन मंडलीय समिति ने इसे सूची से बाहर कर दिया। जहां इसे दागी करार देते हुए कॉलेज को सूची से बाहर किया गया, वहीं प्रज्ञा इंटर कॉलेज, प्रियदर्शिनी इंटर कॉलेज जैसे अन्य कई कॉलेजों को परीक्षा सूची में शामिल किया गया है। इन पर पिछले वर्षों में गड़बड़ियों का आरोप था। इसी तरह यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में शिक्षा माफियाओं के दखल से परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण में खूब गोरखधंधा होता है।
”पिछले वर्ष स्पोर्ट्स कॉलेज के छात्रों का उपद्रव इतना ज्यादा बढ़ गया था कि पीएसी तक बुलानी पड़ी थी। छात्रों ने तो पुलिस से भी गाली-गलौज की थी। कॉलेज को दोषी ठहराया जाना गलत है।” सुषमा शुक्ला ने कहा।
वहीं इस बारे में संयुक्त शिक्षा निदेशक सुत्ता सिंह ने कहा, ”जब हम चेकिंग के लिए कॉलेज पहुंचे तो वहां का वातावरण संदिग्ध दिखा, और परिसर में नकल सामग्री मिलने पर कॉलेज के खिलाफ जांच रिपोर्ट दी गई है। उस रिपोर्ट को जिला कमेटी के समक्ष न प्रस्तुत करने वाले क्लर्क को सस्पेंड भी कर दिया गया है।” हालांकि बाकी परीक्षा के दिनों में चेकिंग करने वाले दूसरे सभी अधिकारियों ने कॉलेज में शुचिता पूर्ण परीक्षा होने की रिपोर्ट केन्द्र व्यवस्थापक को दी गई थी।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद, 2016 की हाईस्कूल परीक्षा में करीब 37.5 लाख और इंटरमीडिएट में 30.4 लाख परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। पिछले साल की तुलना में 10वीं में 2.5 लाख और 12वीं में 1.10 लाख परीक्षार्थी ज्यादा शामिल होगें।
”किसी भी दागी कॉलेज को परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया गया है, जहां तक महावीर इंटर कॉलेज की बात है, हमने जांच की तो प्रथम दृष्टया स्कूल ठीक लगा तो केन्द्र बनाया गया था। लेकिन पिछले वर्ष जो संयुक्त शिक्षा निदेशक की जांच रिपोर्ट दी थी वह किन्हीं कारणों से हमारे सामने नहीं आ पाई थी, उसके बाद जब मंडलीय समिति में जांच आख्या को रखा गया तो उसके बाद केन्द्र नहीं बनाने का निर्णय लिया गया।” उमेश त्रिपाठी, जिला विद्यालय निरीक्षक, लखनऊ ने कहा, ”विद्यालय पर आरोप है कि मिलकर के नकल करा रहा था। वहां कर्मचारी के रहने को संदेह की दृष्टि से देखते हुए स्कूल की संलिप्तता मानी गई है।”
वहीं, इस बारे में महावीर इंटर कॉलेज की प्रबंधक सुषमा शुक्ला कहती हैं, ”अगर नकल में संलिप्तता होती तो हम शिक्षा विभाग और पुलिस को नकल रोकने में मदद करने और छात्रों के उपद्रव को रोकने के लिए पत्र ही क्यूं लिखते। हमने तो खुद ही परीक्षार्थियों द्वारा की जा रही गड़बडिय़ों को रोकने के लिए उच्च अधिकारियों से मदद मांगी थी।” यही नहीं, वर्ष 2014 में भी महावीर इंटर कॉलेज प्रबंधक की ओर से एक फ़र्जी चिट्ठी जारी कर परीक्षा केन्द्र न बनाए जाने का अनुरोध किया गया था, जिस चिट्ठी के बारे में कॉलेज प्रबंधन को पता ही नहीं था। लेकिन स्पोर्ट्स कॉलेज के छात्रों का सेंटर इस कॉलेज में डाल दिया गया। इससे पूर्व के वर्षों में परीक्षा विधिवित शुचितापूर्ण होती रही है। कॉलेज न ही कभी ब्लैक लिस्टेड ही रहा है, न ही दागी।
लखनऊ के इन ‘दागी’ कॉलेजों को इस वर्ष बनाया गया परीक्षा केन्द्र
1. प्रज्ञा इंटर कॉलेज, लखनऊ: वर्ष 2014 में गड़बड़ी के आरोप में 2015 में नहीं बना था केन्द्र। इस वर्ष बनाया गया परीक्षा केन्द्र।
2. प्रियदर्शिनी इंटर कॉलेज, लखनऊ: पिछले वर्ष था सहयोग न करने का आरोप, इस वर्ष बनाया गया सेंटर।
3. दयानंद इंटर कॉलेज, लखनऊ : गड़बड़ी के आरोप पहले बाहर किया गया, उसके बाद परीक्षा केन्द्र बनाया गया।