लखनऊ। मिनी कामधेनु और माइक्रो कामधेनु योजना की कामयाबी के बाद प्रदेश सरकार मुर्गी पालन को भी बढ़ावा देने की योजना बना रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार कुक्कुट विकास नीति 2013 के तहत दस हजार कामर्शियल लेयर फार्मिंग की यूनिट स्थापित करने जा रही है जिसकी वजह से छोटे किसान भी इस योजना का फायदा उठा पाएंगे।
कुक्कुट विकास नीति 2013 के तहत पहले 30 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट संचालित की जाती थी जिसमें मुर्गी पालकों को एक करोड़ 80 लाख रुपए की लागत आती थी, लेकिन अब किसान दस हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट भी स्थापित कर सकेंगे जिसमें 70 लाख रुपए का खर्चा आएगा। इस योजना से एक लाभार्थी अधिकतम दो यूनिट स्थापित कर सकता है।
उत्तर प्रदेश में कुक्कुट विकास नीति 2013 के तहत 92 कार्मशियल लेयर फार्मिंग की यूनिट के जरिए रोज़ाना 26 लाख अंडे उत्पादित किए जाते हैं। पहले रोज़ाना एक करोड़ अंडे अन्य राज्यों से मंगाए जाते थे लेकिन योजना के शुरुआत के बाद 75 लाख अंडे ही मंगाए जा रहे हैं।
पशु पालन विभाग के उपनिदेशक डॉ वी के सिंह ने बताया, ”इस योजना से छोटे किसानों को लाभ मिल सकेगा। योजना में 30 प्रतिशत यानि 21 लाख रुपए मुर्गी पालक और 70 प्रतिशत यानि 49 लाख रुपए बैंक लोन की सुविधा है। इसके साथ-साथ हर यूनिट को 400 रुपए प्रतिमाह की दर से 10 साल तक बिजली के खर्चे में छूट दी जायेगी। कुक्कुट विकास नीति-2013 के तहत कुल 630 इकाइयों को स्थापित करने का प्रावधान किया गया है, जिनकी कुल क्षमता 123 लाख पक्षी होगी।
योजना के तहत मिलने वाली नस्लों की खासियत बताते हुए पशु पालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. वी के सिंह आगे कहते हैं, ”इस योजना में अच्छी नस्ल के पक्षियों की व्यवस्था की गई है जिससे एक पक्षी से हर साल 320 अंडे उत्पादित किए जाऐंगे। अपनी बात को जारी रखते हुए डॉ. सिंह आगे बताते हैं, ”अगर कोई भी इस योजना का लाभ उठाना चाहता है तो अपने जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिख कर आवेदन कर सकता है।”