मनरेगा मजदूरों के खातों में अब सीधे केंद्र से पहुंचेगा पैसा

India

श्रीवत्स अवस्थी

लखनऊ। मनरेगा मजदूरों को भुगतान के लिए अब और परेशान नहीं होना पड़ेगा। राज्य सरकार के बजाए अब केंद्र सरकार मजदूरों के खातों में सीधे मजदूरी का पैसा ट्रांसफर करेगी। इस नई व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद राज्य सरकार को मनरेगा में सिर्फ रॉ-मटेरियल का ही भुगतान करना होगा। केंद्र सरकार 1 अप्रैल से भुगतान की नई प्रक्रिया को लागू करने जा रही है।

मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को काम पूरा होने के 15 दिन के भीतर भुगतान करना होता है। लेकिन किसी न किसी कारण से 50 प्रतिशत से अधिक मजदूरों को समय से भुगतान नहीं हो पाता। भुगतान न हो पाने की वजह से मजदूरों को अधिकारियों के चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। वहीं कई बार ऐसा भी होता है कि स्टेट के खाते में पैसा न होने से मजदूरों का समय से भुगतान नहीं हो पाता है। भुगतान में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार मौजूदा समय में लागू ईएफएमएस इलेक्ट्रॉनिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम को बदलकर एनईएफएमस लागू करने जा रही है।

मौजूदा समय में केंद्र से बजट आने के बाद उसे ईएफएमएस के जरिए मनरेगा मजदूरों को सीधे बैंक खातों में भुगतान किया जाता है। केंद्र सरकार इस प्रक्रिया को अब बदलने जा रही है। नई प्रक्रिया के लागू होने के बाद मनरेगा मजदूर के खाते में 48 घंटों के अंदर मजदूरी का भुगतान पहुंच जाएगा। विभाग के एक अधिकारी ने बताया। भुगतान के लिए कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद 48 घंटे के अंदर नए सिस्टम की मदद से मनरेगा मजदूर के खाते में भुगतान पहुंच जाएगा। डिप्टी कमिश्नर मनरेगा पिंकी जोवेल ने बताया कि 1 अप्रैल से इस योजना की शुरुआत होनी है। जिसकी तैयारी की जा रही है। इसके तहत अब मनरेगा मजदूरों को कम समय से अपना पैसा मिल सकेगा।

क्या है ईएफएमस

मनरेगा मजदूरों को होने वाले भुगतान को पारदर्शी बनाया जा सके इसलिए प्रदेश में ईएफएमस यानी इलेक्ट्रानिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम की शुरुआत की गई थी। इस सिस्टम के तहत एक खाते से ही प्रदेश में काम करने वाले सभी मनरेगा मजदूरों के बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर कर दिया जाता है। यह प्रक्रिया भुगतान में लगने वाली देरी को भी बचाती है। साथ ही इस प्रक्रिया के तहत बड़े पैमाने पर होने वाली कागजी कार्रवाई भी बच जाती है।

Recent Posts



More Posts

popular Posts