नई दिल्ली (भाषा)। बांग्लादेशी मूल की लेखिका तसलीमा ने कहा है कि पुराने धार्मिक कानूनों की वजह से हिन्दू और मुस्लिम महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
तसलीमा ने कहा कि जो देश धर्म के आधार पर बनता है, वो एक कट्टरपंथी देश बन सकता है साथ ही धर्म, लोकतंत्र और मानवाधिकारों का मेल नहीं है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश मुक्ति संग्राम ने साबित किया है कि दो राष्ट्र का सिद्धांत गलत था। महिलाओं के उत्पीड़न पर बड़े पैमाने पर लिख चुकी तसलीमा ने कहा कि भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे दक्षिण एशियाई देशों में धर्म आधारित कानून हैं, अगर आप के यहां धर्म आधारित कानून है, तो महिलाओं को समानता नहीं मिलेगी। समानता के आधार पर हमारे यहां समान नागरिक संहिता होनी चाहिए क्योंकि सभी धर्म महिलाओं के खिलाफ हैं। बांग्लादेशी लेखिका भारत में स्व-निर्वासन में हैं। उन्हें 1993 में लिखे उपन्यास ‘लज्जा’ की वजह से अपने वतन में कंट्टरपंथियों के गुस्से का शिकार होना पड़ा था।