नई दिल्ली (भाषा)। बिज़नेस चैंबर एसोचैम ने ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश की वजह से 1 करोड़ 30 लाख टन गेहूं के बर्बाद होने की आशंका जताई है।
एसोचैम ने कहा कि गेहूं की फसल बर्बाद होने की वजह से सरकार को मांग के मुताबिक़ सप्लाई बनाए रखने के लिए गेहूं का आयात भी करना पड़ सकता है। एसोचैम की रिपोर्ट की मानें तो उत्पादन में कमी के कारण फूड इंफ्लेशन में इज़ाफ़ा होगा जिसका सीधा असर गेहूं की कीमतों पर पड़ेगा। एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने गेहूं पर आयात शुल्क 10% से घटाकर 5% करने की वकालत की है ताकि निजी व्यापारियों द्वारा समानांतर आयात की वजह से बाजार में बेहतर उपलब्धता रहे और सरकार के स्टॉक और कीमतों पर दवाब ज्यादा ना पड़े। रिपोर्ट में कहां गया कि चालू फसल वर्ष में 9.38 करोड़ टन के आरंभिक अनुमान के मुकाबले इसमें करीब 1.3 करोड टन की कमी आने की आशंका है। और इसके कारण सरकार को गेहूं बाहर से मंगाना पड़ सकता है।