इन फसलों के उत्पादन को बढ़ाकर, घरेलू आपूर्ति के अंतर को कम करने की तैयारी
नई दिल्ली। दलहन-तिलहन की खेती से भाग रहे किसान अब फिर से इन फसलों का रुख करने की सोच सकते हैं क्योंकि सरकार अब किसान से सीधे इन फसलों को खरीदने की तैयारी कर रही है।
धान और गेहूं के साथ ही देश में पहली बार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) इस साल तिलहनी और दलहनी फसलें भी खरीदेगी। अंतरराष्ट्रीय समाचार सेवा रॉयटर्स ने ये खबर प्रकाशित की है।
एफसीआई इन दोनों फसलों की खरीद अक्टूबर में शूरू करेगी, भारी खरीद की शुरुआत अगले वर्ष मार्च से होगी जब किसान रबी की फसल काटता है। दलहनी और तिलहनी फसलों की खेती मुख्यत: रबी के मौसम में ही होती है।
केंद्र सरकार यह कदम, दोनों ही फसलों का देश में उत्पादन बढ़ाने और आपूर्ति के अंतर को कम करने के लिए उठा रही है, जिसकी वजह से देश का सालाना आयात खर्च 76,700 करोड़ तक पहुंच गया है।
केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को आने वाले पांच सालों में खाद्य तेलों के क्षेत्र में स्वावलंबी बनाना चाहते हैं। इस लक्ष्य को पाने के लिए सबसे उत्तम उपाए के तौर पर उन्होंने समर्थन मूल्य और गारंटीशुदा खरीद का रास्ता तय किया है।
खाद्य तेलों की भारत में खपत पिछले बीस वर्षों में तीन गुना बढ़ी है, जबकि उत्पादन में एक-तिहाई से भी कम वृद्घि हुई है।