मेरठ/गाजियाबाद/लखनऊ। इंटरनेट पर जारी एक वीडियो की मानें तो आतंकी संगठन आईएसआईएस वर्ष 2020 में भारत पर हमला करने वाला है और उनसे निपटने के लिए पश्चिमी यूपी में हिन्दुओं की 15000 की सशस्त्र फ ौज तैयार की जा रही है।
ऐसे बयानों और रिपोर्टिंग से धार्मिक उन्माद पैदा होता है। धार्मिक रूप से संवेदनशील इस क्षेत्र में कुछ संगठन और मीडिया वाले ‘तिल का ताड़’ बना रहे हैं। इसी तरह के गैरजिम्मेदार बयानों और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर वायरल वीडियो और गैर जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग के चलते वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर में दंगे हुए थे। दंगों के बाद आई जांच रिपोर्ट में बताया गया था, जिस वीडियो के वायरल होने के बाद बवाल हुआ वो पश्चिमी यूपी तो दूर, भारत का भी नहीं था।
इसकी हकीकत की पड़ताल के लिए जब गाँव कनेक्शन का रिपोर्टर उन्हीं गाँवों में पहुंचा तो 15,000 हजार तो दूर 5 लड़ाके भी नहीं मिले। गाजियाबाद जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर मोदीनगर के रूडी गाँव में सन्नाटा था। इस ग्राउंड में जिम में इस्तेमाल होने वाली एक मशीन जरूर थी।
ग्राम प्रधान अमित कुमार (38 वर्ष) ने कहा, ”अभी तक तो गाँव में मैंने ऐसा कुछ देखा नहीं। सरकारी ज़मीन पर कुछ बच्चे और नौजवान जिम का समान रख लेते हैं और अपने बॉडी बिल्डिंग के लिए कसरत करते रहते हैं। उन्हें तीर कमान चलाना, तलवारबाजी करते या लाठी चलाते तो कभी किसी ने नहीं देखा।”
मुजफ्फरनगर दंगों के बाद मेरठ और गाजियाबद समेत पश्चिमी यूपी में धार्मिक संगठन अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए हथकंडे अपना रहे हैं। पिछले कई दिनों से हिंदी/अंग्रेजी अख़बारों व समाचार चैनलों और पत्रिकाओं में बताया जा रहा है कि गाजियाबाद की ‘हिंदू स्वाभिमान संगठन’ नामक संस्था सशस्त्र फ़ौज तैयार कर रही है। उन्हें शस्त्रों की ट्रेनिंग दी जा रही है। हालांकि मामला बढ़ने के बाद पुलिस हरकत में आई और गाँव में न सिर्फ सन्नाटा पसरा है बल्कि वीडियो में बढ़चढ़कर बोलने वाला संगठन का कार्यवाहक अध्यक्ष परमजीत मौर्या भूमिगत है। वही इस संस्था भी वीडियो जारी करने वाली एक न्यूज साइट पर बयानों को तोड़मरोड़ कर पेश करने के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात कह रही है।
मेरठ शहर के शास्त्री नगर में रहने वालीं हिंदू स्वाभिमान संगठन की अध्यक्ष चेतना शर्मा मानती हैं, ”संगठन युवाओं को परंपरागत युद्ध कौशल जैसे लाठी चलाना, कुश्ती और चक्र चलाने की ट्रेनिंग दे रहा है। लेकिन इसमें कुछ गलत नहीं। गाँव कनेक्शन को फ़ोन पर चेनता शर्मा बताया, ”गाँवों में अखाड़ों की परंपरा है। हम इसी परंपरा का पालन कर रहे हैं। कुछ चैनलों और अखबारों में बताया गया कि हम लोग कानून के दायरे से बाहर रहकर काम कर रहे हैं, जबकि ऐसा कुछ है ही नहीं। हम बच्चों को गीता का पाठ सिखाते हैं।” बच्चों को इस प्रशिक्षण की जरूरत क्यों पड़ी? इस बारे में चेतना शर्मा कहती हैं, ”विदेशी मीडिया और देश में आए दिन ये सामने आता रहता है कि आईएसआईएस कभी भी भारत में हमला कर सकता है, उस समय हमारी बहू-बेटियां उनका शिकार न बनें, इसलिए आत्मरक्षा के गुर सिखा रहे हैं।”
इसे पूरे मामले की कड़ी गाजियाबाद जिले के डासना स्थित एक मंदिर से भी जुड़ी है। मीडिया रिपोर्ट में मंदिर के महंत नरसिंहानंद एक धर्म विशेष पर कटाक्ष करते नजर आते हैं। मंदिर में मुस्लिमों के प्रवेश पाबंदी लगाने वाला बोर्ड भी लगा है। हालांकि जब गाँव कनेक्शऩ संवाददाता ने नरसिंहानंद से बात की तो वो मीडिया पर ही भड़क उठे। नरसिंहानंद ने कहा, ”इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जिस बच्चे को बार-बार दिखा कर हमें राक्षस बता रहा है, वो एयरगन है, जो चिड़िया भी नहीं मार सकती। जो तलवारें दिखाई जा रही हैं वो तलवारें पटेबाजी की बिना धार की हैं। आज ये सोचना भी मजाक है कि इन तलवारों से कोई सेना खड़ी की जा सकती है। हम बेबुनियाद बातें और वीडियो से छेड़छाड़ करने वाली पत्रिका और वेबसाइट के खिलाफ कोर्ट जाएंगे।”
हालांकि एक तबके का यह भी कहना है कि पुलिस के सक्रिय होने से मामले को रफ़ा-दफ़ा करने की कोशिशें हो रही हैं। इस बारे में बात करने पर अपर पुलिस महानिदेशक, कानून और न्याय व्यवस्था, दलजीत सिंह चौधरी ने कहा, ”मामले को लेकर पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद से मेरठ जोन के डीआईजी से बात हो चुकी है। अगर कोई भी कार्य कानून के दायरे से बाहर हुआ तो कार्रवाई होगी। अभी तक मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।”
लेकिन यहां कई पेंच हैं। जिसमें लोकतंत्र के तीन खंबे सवालों के कठघरें में खड़े नजर आते हैं। पश्चिम यूपी जो पहले ही दंगा प्रभावित वहां ऐसे धार्मिक उन्माद फैलाने वाले कार्य की अनुमति कैसे मिली, और पुलिस मीडिया रिपोर्ट से पहले सक्रिय क्यों नहीं हुई। राजनेताओं और दूसरे सामाजिक संगठऩों ने इसे रोकने की पहल क्यों नहीं की? फिर मीडिया जिसने इस पूरे मामले को गैरजिम्मेदारना तरीके से सनसनीखेज बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
‘हम बच्चों और युवाओं का बौद्धिक स्तर बढ़ाते हैं’
वीडियो में बताया गया है कि संगठन पचास केंद्रों पर 15,000 बच्चों और नवयुवकों को प्रशिक्षित कर रहा है। संगठन की अध्यक्ष चेतना शर्मा बताती है, ”हमने कभी भी संख्या का आंकलन नहीं किया। इतना जरूर है कई लाख लोग हमारे विचारों से सहमत हैं। हमारा कोई राजनीतिक आधार नहीं है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई जगह प्रवास करके हम लोग बच्चों और नवयुवकों का बौद्धिक और मानसिक स्तर बढ़ाते हैं।”
रिपोर्टिंग – सुनील तनेजा