कटान के बाद अस्तित्व खोने की कगार पर भदईपुरवा
गाँव कनेक्शन नेटवर्क
ईसानगर (लखीमपुर)। घाघरा नदी की कटान से दिनों दिन कई गाँवों के अस्तित्व पर संकट नजर आने लगा है। कई गाँवों के लोग अपना सब कुछ गंवा चुके हैं।
कटान जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है वो अपनी जद में गाँवों को लेती जा रही है। क्षेत्र में घाघरा नदी का तांडव लगातार जारी है। सरैयां कला के मजरा भदईपुरवा कटान बढऩे के बाद अस्तित्व खोने की कगार पर है। वहीं अब घाघरा ने हुलासपुरवा व सिद्धनपुरवा में कहर शुरू कर दिया है। लोग अपना मकान छोडऩे पर मज़बूर हैं। वे सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। सरकार द्वारा कटान रोकने के सारे उपाय नदी की धारा में बहते जा रहे हैं।
भदईपुरवा में कटान के बाद करीब 150 घरों के ग्रामीण इधर-उधर ठोकरें खाने को मजबूर हैं। क्षेत्र के सिद्धनपुरवा और हुलासपुरवा में भी नदी ने कटान शुरू कर दिया है। गाँव के मुन्नालाल, प्रेमू, रामप्रमुख और कौशल के घर नदी के कटान की जद में आ गए। सैकड़ों बीघे फसल भी तबाह हो चुकी है।
कटान रोकने का बचाव कार्य करा रहे बाढ़ खंड के जूनियर इंजीनियर राकेश कुमार ने कहा कि मोहाना नदी का जलस्तर कम अवश्य हुआ है, परंतु अभी कार्य शुरू कराना संभव नहीं है। हालांकि उन्होंने नदी का पानी थोड़ा और कम पडऩे पर मंगलवार से बचाव कार्य शुरू होने की संभावना जताई है।