नई दिल्ली (भाषा)। बासमती चावल के निर्यात में हुई 1,000 करोड़ रुपये के घोटाले के जांच की निगरानी अब सुप्रीम कोर्ट की एसआईटी करेगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक़ डीआरआई की जांच में पता चला है कि बीते लगभग एक साल में दो लाख टन से अधिक बासमती चावल अवैध रूप से दुबई में उतारा गया जबकि इसे ईरान में बांदर अब्बास जाना था।
इस घोटाले का खुलासा राजस्व आसूचना निदेशालय डीआरआई ने किया है। सूत्रों के मुताबिक़ डीआरआई ने मामले से जुड़ी जानकारियां एसआईटी के साथ साझा की हैं जो एजेंसी की जांच प्रक्रिया पर निगाह रखेगी। डीआरआई को अपनी जांच का ब्यौरा समय-समय पर समीक्षा बैठकों में एसआईटी को देना होगा।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एम बी शाह की अध्यक्षता वाली एसआईटी विदेश में जमा कालेधन से जुड़े मामलों की जांच कर रही है। समिति में भारतीय रिजर्व बैंक, खुफिया ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो, वित्तीय खुफिया इकाई, शोध एवं विश्लेषण इकाई और राजस्व खुफिया निदेशालय के सदस्य शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में हरियाणा और पंजाब के 25 बड़े निर्यातक उसके तथा अन्य एजेंसियों के जांच दायरे में हैं। इस सारे मामले में कांडला बंदरगाह से रवाना हुआ चावल अपने निर्धारित या घोषित गंतव्य ईरान तक पहुंचने के बजाय दुबई में उतारा जाता है। हालांकि चावल के लिए भुगतान ईरान से ही होता। अधिकारियों को चिंता है कि इस तरीके का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों जैसे कि आतंकी गतिविधियों के वित्तीय मदद मुहैया कराने के लिए किया जा रहा है।