धमकी, लालच, अपहरण : बुरा न मानो चुनाव है

India

लखनऊ/बहराइच। प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख के चुनावों की सरगर्मियां तेज हैं। प्रत्याशी कोई कसर नहीं छोड़ रहे। वोट खरीदने से लेकर अपहरण तक के मामले प्रदेशभर से आ रहे हैं। ब्लॉक प्रमुख के चुनाव सात फरवरी को वोट डाले जाएंगे।

मिर्जापुर जिले में 21 जनवरी को 22 क्षेत्र पंचायत सदस्यों के अपहरण का मामला तब सामने आया जब दो लोग भाग कर पुलिस के यहां पहुंच गए। इसके बाद बाकी लोगों को भी विंध्याचल के होटल से मुक्त कराया गया। 

सीतापुर के पिसावां ब्लॉक में एक फरवरी को बीडीसी सदस्य राम औतार की पत्नी सुमन ने आरोप लगाया कि ब्लॉक प्रमुख के प्रत्याशी सहित कुल 27 लोगों ने मेरे पति को जबरन गाड़ी में बैठा लिया। इस बारे में थानाध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने कहा, ”आरोप लगाया गया था पर मामला रजामंदी का था।” 

प्रदेश के 74 जि़लों के 816 ब्लॉकों में चुनाव होने थे, लेकिन इलाहाबाद, चित्रकूट में सोमवती अमावस्या पडऩे के कारण चुनाव दस फरवरी को कराया जाना है। जबकि सहारनपुर, मुजफ्फऱनगर और फ़ैजाबाद में अगले आदेशों तक चुनाव  नहीं होंगे।

उन्नाव जि़ले के बिछिया ब्लॉक के प्रमुख रहे कृष्णकांत यादव बताते हैं, ”मैंने वर्ष 1996 में ब्लॉक प्रमुखी का चुनाव लड़ा था। तब पांच वोट से चुनाव जीता है। न कहीं पैसा देना पड़ा था और न ही किसी को देशाटन पर भेजना पड़ा था। पहले कार्य व्यवहार और चरित्र पर वोट दिया जाता था, पर अब तो राजनीति का व्यवसायीकरण कर दिया गया। अब प्रमुखी का चुनाव तब ही लड़ सकते हो जब लाखों के मालिक हो।”

रिपोर्टिंग- अंकित मिश्रा/प्रशांत श्रीवास्तव

Recent Posts



More Posts

popular Posts