प्रतापगढ़। सूखे से बर्बाद हुई धान की फसल ने किसानों के परिवारों को उजाड़ना शुरू कर दिया है। प्रतापगढ़ में फसल चौपट होने से दुखी गरीब किसान की सदमे से मौत हो गई।
प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर पश्चिम में लालगंज तहसील के पूरे मियां कुंभी आइमा गांव निवासी रामअधार पाल (40 वर्ष) ने दो बीघे में धान लगाए थे। बारिश तो हुई नहीं सिंचाई का एकमात्र साधन नहर में भी पानी नहीं आया इससे उनकी पूरी फसल सूख गई। 21 अक्टूबर को खेत देखने गए थे वहीं बेहोश हो गए और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सांगीपुर ले जाते वक्त मौत हो गई।
मृतक किसान के छोटे भाई धर्मराज पाल (35 वर्ष) ने गांव कनेक्शन को बताया, “दो बीघा जमीन में धान लगाए थे, जो सिंचाई न होने से सूख गए। बहुत परेशान रहते थे, खेत पर गए थे वहीं गश खाकर गिर गए। अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में मौत हो गई।”
वो आगे बताते हैं, “उनके पास कुल ढाई बीघा जमीन थी, धान से पहले गेहूं भी बर्बाद हो गए थे। पांच बच्चे हैं कहां से उनका पेट भरते। पूरे गांव में धान सूख गया है। समझ में नहीं आ रहा क्या करें।”
किसान की मौत के बारे में लालगंज के उपजिलाधिकारी वाइबी सिंह ने कहा, “अभी तक घर वालों ने लिखित रूप से कुछ नहीं दिया है और पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ, जिससे कुछ साबित होता। अगर परिजन लिखित रूप से कुछ देते हैं, तो देखा जाएगा।”
उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़, सुलतानपुर, सिद्धार्थनगर समेत कई जिलों में कम बारिश और सिंचाई के साधनों के अभाव में लाखों हेक्टयर फसल सूख गई है। रबी के सीजन में बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल चौपट और अब सूखे ने किसानों की कमर तोड़ दी है।