छप्पर के नीचे रहने वाले विधायक को अखिलेश ने बनाया राज्यमंत्री

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लखनऊ। छप्पर में रहने वाले विधायक बंशीधर बौद्ध को उनकी सादगी का ईनाम मिला है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें राज्यमंत्री बनाया है। माना जा रहा है बौद्ध को दमदार विभाग भी मिल सकता है।

मंत्रिमंडिल में शामिल किए जाने के बाद गांव कनेक्शन ने उनसे ख़ास बातचीत की|

“मेरे अंदर कोई खास गुण नहीं है जो मंत्री की कुर्सी दिलवाता है। मैं बस इतना जानता हूं, जनता की बीच रहने और उनके साथ जुड़े होने का ये ईनाम हैं। मुख्यमंत्री जी की दूरदृष्टि है उन्होंने बहुत सोच-समझ कर मुझे ये जिम्मेदारी दी है” बंशीधर ने कहा|

बंशीधर बौद्ध लखनऊ से करीब 230 किलोमीटर दूर बहराइच जिले में कतर्नियाघाट के निवासी हैं| वन्य जीव क्षेत्र में बाघ और तेदुंओं का कोर ज़ोन कहे जाने वाले बिछिया इलाके के नई बस्ती गांव में वे अपने छप्पर के घर में रहते हैं। सुबह उठकर वो भी आम ग्रामीणों की तरह अपने दरवाजे पर झाड़ू लगाते हैं, खेती करते हैं|

 “मुझे जो भी जिम्मेदारी (जिस विभाग का मंत्री बनाया जाएगा) दी जाएगी, मैं उसे उतनी ही ईमानदारी से निभाने और मुख्यमंत्री के विश्वास पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा,” बौद्ध ने कहा।

मंत्री बनने के बाद प्राथमिकताओं के बारे में पूछने पर राज्यमंत्री बौद्ध बताते हैं, “कतर्नियाघाट वनक्षेत्र में आठ गांव ऐसे हैं जिन्हें राजस्व गांव में अब तक शामिल नहीं किया है। वन ग्राम होने और वन विभाग के कड़े नियमों के चलते यहां विकास नहीं हो पाया है तो सबसे पहले इन्हें राजस्व ग्राम में शामिल कराना है।”

वो आगे बताते हैं, “इस इलाके में शिक्षा व्यवस्था को सुधारना भी बहुत जरूरी है। बिछिया से 50 किलोमीटर दूर तक कोई डिग्री कॉलेज नहीं है। तो वहां जल्द से जल्द डिग्री कॉलेज खुलवाने की कोशिश रहेगी।”

मंत्री बनाने के बाद बंशीधर को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। बिछिया बहराइच से मिठाई लेकर पहुंचे मो. नाजिम (40 वर्ष) बताते हैं, “पहली बार कोई इस इलाके से मंत्री बना है। सभी के लिए गर्व की बात है। हमें कभी नहीं लगता ये नेता बन गए हैं, पहले की तरह ही मिलते थे, आज मंत्री बनने के बाद भी वैसे ही मिले।”

बंशीधर से लोगों की उम्मीदे भी कम नहीं है। नाजिम आगे बताते हैं, वन क्षेत्रों में बहुत समस्याएं हैं बहुत पाबदियां है। उम्मीद है अब मंत्री जी हम लोगों को कुछ राहत जरूर दिलाएंगे।”

बंशीधर बौद्ध, 2014 में लोकसभा चुनाव के बाद उपचुनाव में बहला विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए थे। दो बार जिला पंचायत सदस्य रह चुके बौद्ध का पूरा परिवार गांव में ही रहता है। छप्पर के नीचे ही उनकी चौपाल लगती है। ज्यादातर समय उनका अपने इलाके में ही बीतता है। बौद्ध के घर में आज भी कोई नौकर नहीं है। 

पिछले दिनों बहराइच गई गांव कनेक्शन टीम से खास मुलाकात में बंशीधर बौद्ध ने कहा बताया था, “मेरे पास छह एकड़ जमीन है। धान, गन्ना और आलू की खेती करता हूं। बड़े बेटे ज्यादा पढ़-लिख नहीं पाए इसलिए सब मिलकर खेती करते हैं। घर में कोई नौकर नहीं हैं।”

अपनी सादगी के चलते ‘विधायक बेमिसाल’ का खिताब पा चुके बंशीधर बौद्ध पर गांव कनेक्शन में प्रकाशित स्टोरी “एक विधायक जो झोपड़ी में रहता है” को अख़बार के पाठकों के अलावा सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया गया था।

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