अमित सिंह
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बेहद सख्त लहज़े में कहा है कि कृषि से होने वाली आय की आड़ में जो किसान करोड़ों की टैक्स चोरी कर रहे हैं सरकार उन्हें नहीं बख्शेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर विभाग उन किसानों की लिस्ट तैयार कर रहा है जो जिनकी सालाना आय एक करोड़ या उससे ज्यादा है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो महानगरों में सबसे ज्यादा करोड़पति किसान हैं।
क्या ये टैक्स चोरी का नया फॉर्मूला है?
भारतीय आयकर विभाग ने अपने अधिकारियों को उन किसानों के खातों की पड़ताल करने के लिए कहा है जिनकी सालाना आय एक करोड़ रुपये से ज्यादा है। बीते कुछ सालों में फाइल किए गए टैक्स रिटर्न्स की जांच करने के बाद आयकर विभाग को पता चला है कि ऐसे सैकड़ों किसान हैं जिन्होंने खुद को किसान बताकर करोड़ों रुपये टैक्स बचाएं हैं।
याचिका के बाद विभाग ने शुरू की कार्रवाई
कुछ दिनों पहले पटना हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका में कहा गया था कि कुछ लोग खुद को किसान बताकर करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी कर रहे हैं।
टैक्स विभाग को 1,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
सरकारी आंकड़ों की मानें तो 1 अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2013 के बीच ऐसे कुल 1080 मामले सामने आए हैं जहां लोगों ने खुद को किसान बताकर टैक्स की आदायगी नहीं की है। और अगर ये मान लिया जाए कि इन लोगों ने टैक्स बचाने के लिए आयकर विभाग से झूठ बोला है तो आयकर विभाग को अब तक 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।
करोड़ों रुपये की कमाई को खेती से हुई आय बताने के फर्ज़ीवाड़े का खुलासा हालांकि बहुत पहले ही हो चुका था लेकिन टैक्स चोरी के मामले को लेकर बनी रिफॉर्म कमेटी ने नवंबर 2014 में आई रिपोर्ट ने सरकार की चिंता और बढ़ा दी। रिफॉर्म कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां लोग टैक्स बचाने के लिए आपनी आय को कृषि से हुई आय बता रहे हैं।
आईटी विभाग ने आंकड़े जांचने के दिए आदेश
आयकर विभाग हर तरह की संभावनाओं पर काम कर रहा है। टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने अधिकारियों को टैक्स आंकड़ों और गलत टैक्स फाइलिंग की पड़ताल करने के लिए भी कहा है। ताकि किसी भी तरह की गलती की गुंजाइश ना रहे।
क्या है मौजूदा टैक्स स्लैब
2.5-5 लाख रुपये तक की आमदनी पर कुल आय का 10% टैक्स
5-10 लाख रुपये तक की आमदनी पर कुल आय का 20% टैक्स
10 लाख से ऊपर की आमदनी पर कुल आय का 30% टैक्स