गाँव कनेक्शन नेटवर्क
पटना। बिहार में शराब मुक्ति के लिए राज्य शिक्षा विभाग ने प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों में पढ़ने वाले 73 हजार छात्र-छात्राओं के पिता से शपथ पत्र लेने का फैसला किया है। इसमें वह शराब का सेवन नहीं करने का शपथ लेंगे।
बिहार में एक अप्रैल से देशी शराब पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगाया जा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब कोई पिता अपनी बेटी या बेटे से शराब छोड़ने का वादा करेगा तो जाहिर है कि इसके अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। राज्य में शराब पर पाबंदी लगाने के लिए यह एक प्रभावशाली कदम होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार अन्य राज्यों के शराबबंदी के मॉडल को नहीं अपनाएगा क्योंकि उनमें से बहुत कम ही सफल हो सके हैं। शराब पर पाबंदी लगाना उनकी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। हम पहले ही दिन से सफलता की आशा नहीं करते, इसमें कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि शराब पर पाबंदी लगाना महिला सशक्तिकरण के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी से खास कर ग्रामीण क्षेत्रों में एक सामाजिक क्रांति आएगी। इससे लाखों गरीबों का घर तबाह होने से बचेगा। राज्य में शराब बंदी को लेकर 40 लाख प्रतिनिधि समाज में जाकरूकता अभियान चला रहे हैं।