मणिपुर। मणिपुर का ‘इमा कैथल’ बाज़ार दुनिया का पहला ऐसा बाज़ार है जहां सिर्फ महिलाओं को कारोबार करने की इजाज़त है। ‘इमा कैथल’ करीब 500 साल पुराना बाज़ार है जहां करीब 4000 महिला कारोबारी रोज़ाना अपना सामान बेचती हैं। ये दुनिया का सबसे बड़ा बाज़ार है जहां इतनी बड़ी तादात में महिलाएं काम कर रही हैं। ‘इमा कैथल’ में किसी भी स्टॉल पर आपको पुरुष काम करते नहीं दिखाई देंगे। इस बाज़ार की एक और खास बात ये है कि यहां सिर्फ़ शादीशुदा महिलाओं को ही काम करने की इजाज़त है।
क्या है ‘इमा कैथल’ का इतिहास
‘इमा कैथल’ का मतलब होता है माँ का बाज़ार। इतिहासकारों की मानें तो ‘इमा कैथल’ की शुरुआत लोलुप काल में हुई थी जब महिलाओं पर ही परिवार का पालनपोषण और घर चलाने की ज़िम्मेदारी हुआ करती थी। इस बाज़ार में कुल चार हज़ार स्टॉल हैं जिन्हें पीढ़ी दर पीढ़ी घर में आने वाली महिलाओं को सौंप दिया जाता है।
महीने में लाखों का होता है कारोबार
‘इमा कैथल’ की महिला कारोबारी हर तरह का सामान बेचती हैं। फल, सब्जियां, मसाले, खेती के लिए बीज, कपड़े, मीट और मछली भी। यहां हज़ारों लोग रोज़ाना खरीदारी करने के लिए आते हैं। जिससे 4000 से ज्यादा महिला कारोबारी महीने में लाखों रुपये कमाती हैं।