नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी गोपनीय फाइलें सार्वजनिक करने का ऐलान कर दिया है। अगले वर्ष 23 जनवरी (नेताजी की जयंती) से ये फाइलें खुलनी शुरू हो जाएंगी। जिसके साथ 18 अगस्त, 1945 को नेताजी के गायब होने जाने को लेकर बनी रहस्य की परतें खुल सकती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने नेताजी के परिवार के 35 सदस्यों से अपने सरकारी आवास (7ए रेसकोर्स रोड) पर एक घंटे मुलाकात के बाद ट्विटर पर यह घोषणा की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी के परिवार का स्वागत करना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैंने सुभाष बाबू के परिवार के सदस्यों से कहा कि कृपया मुझे अपने परिवार का हिस्सा मानें। उन्होंने अपने कीमती सुझाव मुझसे साझा किए। हमारी महत्वपूर्ण और गहन बातचीत हुई। मोदी ने परिवार के सदस्यों से कुछ उदाहरण भी साझा किए कि गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने कैसे नेताजी को याद किया।
मोदी ने कहा कि वह विदेशी सरकारों से भी उनके पास उपलब्ध नेताजी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने के लिए पत्र लिखेंगे और व्यक्तिगत रूप से विदेशी नेताओं के साथ इस विषय को उठाएंगे जिसकी शुरूआत दिसंबर में रूस के साथ होगी।
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार ने कुछ दिन पहले अपने पास उपलब्ध नेताजी से जुड़ी 64 फाइलों को सार्वजनिक किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान का नेताजी की बेटी अनीता बोस ने स्वागत किया है। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में अनीता बोस ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि प्रधानमंत्री ने यह कदम उठाया और इसके जरिए उन सभी सवालों का जवाब मिल पाएगा, जिसे भारत की जनता जानना चाहती है। अनीता बोस ने कहा कि नेताजी मेरी या मेरे परिवार की संपत्ति नहीं हैए बल्कि भारत की धरोहर हैं।