लखनऊ। यूपी में पुरानी पेंशन समेत कई मांगों को लेकर प्रदेश के करीब 20 लाख कर्मचारी बुधवार से हड़ताल पर हैं। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी विभाग और निगम में अगले 6 महीने तक आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम ‘एस्मा’ लागू कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने छह महीने के लिए एस्मा लागू कर दिया है। मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडेय और विभागीय वरिष्ठ अफसरों के साथ कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के नेताओं की सोमवार की देर रात हुई वार्ता विफल रही।
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ऑल टीचर इम्प्लाई वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विजय बंध ने कहा, ” प्रदेश सरकार जब तक हमारी मांगों को नहीं मानेगी हम हड़ताल पर रहेंगे। इस बार लड़ाई आर-पार की है। हम लोग अपना हक लेकर ही रहेंगे।”
जानें क्या होता है एस्मा
बता दें, एस्मा हड़ताल को रोकने के लिए लगाया जाता है। इसके तहत रेलवे, एयरपोर्ट, और बंदरगाह में काम करने वाले कर्मचारियों को हड़ताल करने की मनाही होती है। अगर इसका उल्लंघन किया गया तो पुलिस किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है। यही नहीं कानून का विरोध करने पर जेल की सजा भी हो सकती है। एक साल तक कैद और जुर्माने का भी प्रावधान है।
वार्ता में मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी, अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा, संरक्षक बाबा हरदेव सिंह, शिक्षक एमएलसी चेत नारायण सिंह सहित 20 मंच नेताओं ने भाग लिया। मुख्य सचिव ने पुरानी पेंशन देने में अपनी मजबूरी जाहिर की। उन्होंने कहा कि वे केंद्र सरकार से बंधे हैं। इसलिए राज्य स्तर पर वे ऐसा फैसला नहीं ले सकते हैं।
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धारा 144 लागू होने के बाद भी कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। गवर्नमेंट प्रेस, उद्यान निदेशालय, आरटीओ सहित कई विभागों के कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया है। वहीं, बहराइच में कर्मचारियों के ताला बंद हड़ताल की खबर है।