लखनऊ/कन्नौज। 75 जिला पंचायत अध्यक्ष सीट वाले उत्तर प्रदेश में दो दिवसीय साप्ताहिक लॉकडाउन के पहले दिन शनिवार को नामांकन पत्र दाखिल किए गए। उसके बाद पर्चों की जांच हुई।
करीब 10 जिलों में एक-एक प्रत्याशी होने की वजह से उनके निर्विरोध चुने जाने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। हालांकि 29 जून को वापसी का समय पूरा हो जाने के बाद ही इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी।
प्रदेश के अनारक्षित सीट के लिए कन्नौज में रिटर्निंग ऑफीसर राकेश मिश्र के समक्ष जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय कक्ष में सुबह 11 बजे से सपा से घोषित जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी व वार्ड 23 से सदस्य 51 वर्षीय श्याम सिंह यादव ने चार सेट में नामांकन पत्र दाखिल किए। हर सेट में प्रस्तावक व अनुमोदक अलग-अलग होते हैं।
दोनों के लिए ही जिला पंचायत सदस्य होना जरूरी है। करीब दोपहर करीब पौने दो बजे भाजपा से घोषित प्रत्याशी वार्ड 16 से सदस्य 32 वर्षीय प्रिया शाक्य ने तीन सेटों में पर्चे दाखिल किए। सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी बिनीत कटियार ने बताया कि दोनों ही प्रत्याशियों के पर्चे दोपहर तीन बजे के बाद हुई जांच में वैध पाए गए। अब 29 जून को वापसी का दिन है। तीन जुलाई को सुबह 11 से दोपहर तीन बजे तक मतदान होगा। उसके बाद मतगणना और उसी दिन जीत-हार की घोषणा हो जाएगी।
बुलंदशहर से भाजपा प्रत्याशी डॉ. अंतुल तेवतिया, पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी के गृह जिला मुरादाबाद से डॉ. शैफाली सिंह, मेरठ से गौरव चौधरी, गाजियाबाद से ममता त्यागी, बलरामपुर से आरती तिवारी, गौतमबुद्ध नगर से अमित चौधरी, मऊ से मनोज राय, गोरखपुर से साधना सिंह, चित्रकूट से अशोक जाटव, झांसी से पवन गौतम, गोंडा से घनश्याम मिश्र, श्रावस्ती से दद्दन मिश्र व ललितपुर से कैलाश निरंजन ने नामांकन पत्र दाखिल किए। इन जिलों से एक-एक प्रत्याशी होने की वजह से निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि ही इसकी औपचारिक घोषणा 29 जून को वापसी का समय निकलने के बाद ही होगी।
सपा व भाजपा में मुख्य मुकाबला, जीत के लिए निर्दलीयों पर लगीं निगाहें
सूबे में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए तीन जुलाई को होने जा रहे चुनाव में सपा व भाजपा में ही मुख्य मुकाबला है। इन्हीं दलों के ही ज्यादातर जिलों में प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों ही दल अपने-अपने प्रत्याशी की जीत का दावा कर रहे हैं। जीत होगी किसकी, यह तीन जुलाई को मतदान और मतगणना के दौरान पता चलेगा। लेकिन मुख्य रोल निर्दलीय व बसपा सदस्य वोटर का रहेगा।