लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया प्रदेश ने चालू खरीद सीजन में 55 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य रखा था जो पूरा हो गया है लेकिन सरकार किसानों से धान की खरीद 28 फरवरी तक जारी रहेगी।
यूपी सरकार के आंकड़ों के अनुसार 8 जनवरी तक प्रदेश में 55.52 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है। इस दौरान सरकार ने 10 लाख 62 हजार से ज्यादा किसानों को 10377.76 करोड़ रूपये का भुगतान किया है।
वहीं अगर देश के बाकी राज्यों से यूपी की तुलना करें तो 6 जनवरी तक पूरे देश में 521.48 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है, जिसमें 33.88 फीसदी भागीदारी के साथ पंजाब (202.77 लाख मीट्रिक टन) पहले नंबर पर है तो 55 लाख मीट्रिक टन के साथ यूपी तीसरे नंबर पर है।
उत्तर प्रदेश के खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने निर्धारित क्रय लक्ष्य 55 लाख मीट्रिक टन से अधिक खरीद कर ली है, अब तक हुई कुल खरीद 100.96 फीसदी है। जबकि पिछले वर्ष समान अविधि में कुल 44.37 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी।
खाद्य आयुक्त के अनुसार इस वर्ष सबसे ज्यादा 1370606 किसानों ने धान बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया था। जिन किसानों से धान की खरीद हुई है उन्हें सीधे उनके खातों में पैसे भेजे जा रहे हैं। इस दौरान पश्चिमी यूरपी में 1369 क्रय केन्द्रों पर 18.11 लाख मीट्रिक टन सापेक्ष 23.33 लाख मीट्रिक की खरीद की गयी, जो कि लक्ष्य का 128.76 प्रतिशत है। पश्चिमी यूपी में 31 जनवरी, 2021 तक खरीद की जायेगी। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में 3082 क्रय केन्द्र के जरिए 36.88 लाख मीट्रिक टन के सापेक्ष अब तक 32.20 लाख मीट्रिक टन की खरीद की गयी है, जो की लक्ष्य का 87.30 प्रतिशत है। पूर्वी यूपी में 28 फरवरी, 2021 तक खरीद की जायेगी। पश्चिमी यूपी में धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरु की गई थी जबकि पूर्वी यूपी में 15 अक्टूबर और कई जगहों पर नवंबर में धान की खरीद शुरु हुई है। पश्चिमी यूपी में धान की अगैती खेती होती है।
सरकार के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में धान क्रय नीति के अंतर्गत चालू खरीद सीजन (KMS) के लिए 4000 क्रय केंद्र प्रस्तावित थे, जबकि खाद्य एवं रसद विभाग समेत दूसरी एजेंसियों को मिलाकर 4451 केंद्र स्थापित किए गए। जबकि पिछले वर्ष 3000 क्रय केन्द्र ही प्रस्तावित थे। इसके अतिरिक्त पंजीकृत सहकारी समितियों, मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी, एफपीओ एवं एफपीसी के क्रय केन्द्रों के माध्यम से भी खरीद की जा रही है। इस साल धान का समर्थन मूल्य सामान्य धान के लिए 1868 रुपए जबकि ए ग्रेड (महीन धान) की एमएसपी 1888 रुपए प्रति क्विंटल थी।
इन एजेंसियों ने की है खरीद
खाद्य विभाग- 21.40 लाख मीट्रिक टन
पीसीएफ 13.67 लाख मीट्रिक टन
यूपीपीसीयू 9.12 लाख मीट्रिक टन
यूपीएसएस 1.39 लाख मीट्रिक टन
एसएफसी 1.71 लाख मीट्रिक टन
यूपी एग्रो 1.70 लाख मीट्रिक टन
मण्डी परिषद् 1.03 लाख मीट्रिक टन
नैफेड 2.66 लाख मीट्रिक टन
एनसीसीएफ 1.93 लाख मीट्रिक टन
भारतीय खाद्य निगम 0.87 लाख मीट्रिक टन
धान खरीद को लेकर किसान लगाते रहे हैं आरोप
धान खरीद को लेकर प्रदेश के कई जिलों में किसान लगातार सवाल उठाते रहे हैं। किसानों ने आरोप लगाया था कि सरकार की मंशा के बावजूद केंद्र प्रभारी, स्थानीय अधिकारी, ठेकेदार और मिल मालिक मिलकर किसानों का हर मार रहे हैं, किसान की जगह व्यापारियों का धान तौला जा रहा है किसान मजूबर होकर एमएमसी से 400-800 रुपए कम में धान बेचने को मजबूर हैं।
8 जनवरी को ही कानपुर में एक खरीद केंद्र में 10 दिन से तौल का इंतजार कर रहे किसान ने अपने धान की बोरियों में आग लगाने की कोशिश की। वहीं कुछ दिनों पहले लखीमपुर में तौल के इंतजार में कई किसानों के धान मंडी में रखे-रखे जम गए थे, खराब हो हो गए थे। गांव कनेक्शन ने अक्टूबर से लेकर अब तक लखीमपुर, शाहजहांपुर, सीतापुर, बाराबंकी, उन्नाव, कानपुर देहात, हरदोई, कन्नौज, पीलीभीत समेत कई जिलों से धान खरीद में किसानों को हो रही समस्याओं पर ग्राउंड रिपोर्ट की हैं।
धान खरीद में लापरवाही पर 1494 लोगों को कार्रवाई
प्रदेश सरकार के मुताबिक धान खरीद में लापरवाही और उदासानीता बरतने के आरोप में प्रदेश में अब तक कुल 1494 कार्रवाई की गई हैं। 6 जनवरी को धान खरीद में लापरवाही करने पर जिला खाद्य विपणन अधिकारी, उन्नाव और विपणन निरीक्षक, कानपुर देहात के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
पूरे देश में हुई धान खरीद के मामले में यूपी 3 नंबर पर
पूरे देश में इस सीजन में हुई धान खरीद के मामले में पंजाब पहले नंबर पर तो यूपी तीसरे नंबर पर है। 6 जनवरी तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पूरे देश से हुई धान खरीद में यूपी की भागीदारी 10.2 फीसदी है। उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा 7 जनवरी को जारी आंकड़ों के अनुसार 6 जनवरी तक पूरे देश में 521.48 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है, जो पिछले साल की खरीद (410.18 लाख मीट्रिक टन) से 27.13 फीसदी ज्यादा है। खरीद में राज्यों की भागीदारी की बात करें तो पंजाब से सबसे ज्यादा (202.77 लाख मीट्रिक टन) जो कि कुल खरीद का 33.88 फीसदी है जबकि दूसरे नंबर हरियाणा 10.8 फीसदी और तीसरे नंबर पर यूपी है जहां की भागीदरी 10.2 फीसदी है। ग्राफ देखिए